वारदातों को फर्जी बताने में जुटी जिले की पुलिस

ज्वेलरी कारोबारी संग वारदात में नहीं मिला सुराग

GORAKHPUR:

केस एक:

ज्वेलर पर हमला-लूट को बताया भूमि विवाद

बसंतपुर मोहल्ला निवासी अभिषेक वर्मा घंटाघर में ज्वेलरी शॉप चलाते हैं। 30 सितंबर की रात करीब नौ बजे स्कूटी से घर लौट रहे थे। मोहल्ले में घर के पास पहले से मौजूद तीन बदमाशों ने उनकी आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर बैग छीनने का प्रयास किया। बैग में 20 हजार रुपए नकद और दुकान की चाबी थी। अभिषेक के छीना-झपटी करने पर बदमाशों ने उनको गोली मार दी। गंभीर हाल में अभिषेक को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। इस मामले में पहले लूट की बात सामने आई। बाद में पुलिस ने इसे भूमि विवाद बताया। पुलिस ने दावा किया कि पीडि़त ने भूमि विवाद में हमले की तहरीर दी है। इसलिए उसी आधार पर जांच की जा रही है। हालांकि अभी तक पुलिस इस मामले में हमलावरों को अरेस्ट नहीं कर सकी है। पुलिस के पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि भूमि विवाद में गोली चलाने वाले पहले मिर्ची पाउडर क्यों डालेंगे। वह सीधे गोली मारकर भी बैग लेकर भाग सकते थे। यदि अभिषेक को सिर्फ डराने के लिए बदमाशों को हॉयर किया गया तो वह कौन है जिसने हमले के लिए दी। 12 दिन के बाद भी पुलिस इस मामले में कोई सुराग नहीं लगा सकी है।

केस दो: तमंचे के बट से हमला कर लूटी नकदी

नौ अक्टूबर की रात सहजनवा, देईपार में बाइक सवार बदमाशों ने धर्मेद्र कुमार पर हमला कर लूट लिया। वह फैक्ट्री से काम कर घर लौट रहा था। रास्ते में मिले बदमाशों ने उससे रुपया और मोबाइल मांगा। युवक ने मना करने पर बदमाशों ने उसका सिर फोड़ दिया। जेब की तलाशी लेकर बदमाश फरार हो गए। युवक की सूचना पर पुलिस मामले के टालमटोल में जुट गई। इस वारदात के पहले उसी क्षेत्र में एक ग्राहक सेवा संचालक संग इसी अंदाज में दिनदहाड़े लूटपाट हुई थी। तमंचे के बट से हमला कर 45 हजार नकदी लूट ले गए थे। चंद घंटों के भीतर दो वारदातें होने से पुलिस परेशान हो गई। इसलिए पुलिस ने एक युवक के मामले को दबाने की कोशिश की। आरोप है कि युवक के घर पहुंचकर पुलिस ने जबरन उससे दूसरी तहरीर ले ली। ताकि अफसरों की डांट-फटकार सुनने से बच जाएं।

यह दो मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि थानों पर तैनात पुलिस कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं। घटनाओं के वर्कआउट के बजाय उसे दबाने या छुपाने की कोशिश की जा रही है। शहर में होने वाली लूटपाट सहित अन्य घटनाओं को पचाने के लिए पुलिस झूठ का परदा डालने में लगी है। एक हफ्ते के भीतर हुई कई घटनाओं को झूठा बताकर पुलिस जांच को निपटाने की कोशिश में लगी है। शहर के अंदर सरेराह ज्वेलरी कारोबारी को गोली मारकर लूटने की घटना को भूमि विवाद मानकर पुलिस जांच में जुटी है। सहजनवा में राहगीरों पर तमंचे की बट से हमला करके लूटपाट करने और चौरीचौरा में युवक को गोली मारने के मामले में पुलिस पर्दा डालने में जुटी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद जो तथ्य सामने आए हैं। उनके आधार पर कार्रवाई की जा रही है।

तो इसलिए बच रही पुलिस

गोरखपुर जिले में होने वाली हर छोटी-बड़ी घटना पर डीजीपी मुख्यालय से मॉनीटरिंग की जा रही है। यहां मामला सामने आने पर तत्काल उसकी रिपोर्ट तलब की जाती है। छोटी से छोटी सूचनाओं को संज्ञान लेते हुए पुलिस अधिकारियों से पूरा ब्यौरा मांगा जाता है। इसलिए तमाम मामलों में थानों की पुलिस चुप्पी साध लेती है। कोशिश की जाती है कि किसी तरह से पीडि़त को मैनेज कर मामला खत्म कराया जाए। बुधवार सुबह चौरीचौरा के अवधपुर निवासी चंद्रिका के पैर में बदमाशों ने गोली मार दी। अल-सुबह वह अपने बेटे को रिसीव करने के लिए सरदारनगर रेलवे स्टेशन पर जा रहा था। सरैया डिस्टलरी के बगल से गुजरते उसने चोरी कर रहे युवकों को देख लिया। युवकों ने उसे पहले जमकर पीटा, फिर गोली दागकर फरार हो गए। सूचना पाकर पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन गोली मारने की घटना को पचा गई। मेडिकल कालेज में जब उसके पैर का एक्सरे हुआ तो तब गोली लगने की बात सामने आई। चंद्रिका को गोली लगने की बात फैलने पर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। इनके अलावा कई अन्य मामलों में थानों की पुलिस लीपापोती कर चुकी है।

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