- आगरा में विस्फोट कर आतंकियों ने दिखाया आईना

- गोरखपुर में धमकियों को पुलिस कर रही नजरअंदाज

GORAKHPUR: आगरा में पहले बम फोड़ने की धमकी फिर विस्फोट करके आतंकियों ने सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती दी है। यह घटना इसका संकेत है कि धमकी को हल्के में लेना महंगा पड़ सकता है। हालांकि शहर में बम विस्फोट की हर धमकी को पुलिस नजरअंदाज करती रही है। पुराने मामलों की जांच में लगी पुलिस फोन करने वालों की तलाश में नाकाम रही है। आगरा में हुई घटना के बाद से एक बार फिर पुलिस की चुनौती बढ़ गई है। गोरखपुर पुलिस को भी इससे सीख लेने की जरूरत है।

यहां तो धमकी को लेते हैं हलके में

नेपाल बॉर्डर से सटे होने की वजह से गोरखपुर और आसपास का इलाका संवेदनशील बना रहता है। सोनौली बॉर्डर से होकर कई बार आतंकी देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच चुके हैं। इस वजह से गोरखपुर और आसपास का एरिया आतंकी निशाने पर भी रहता है। पिछले दो सालों से शहर में विस्फोट करने की कई धमकियां मिल चुकी हैं लेकिन हर धमकी को पुलिस हलके में लेती रही है। आलम यह है कि शहर उड़ाने की धमकी वाले किसी भी मामले में पुलिस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। धमकी देने वालों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।

इतनी घटनाएं

24 जनवरी 2017: पुलिस कंट्रोल को फोन करके किसी ने रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी दी। जांच में जुटी एजेंसियां सिर्फ नाम-पते के बारे में जानकारी जुटाती रहीं। कुछ दिनों के बाद पुलिस मामले को भूल गई।

01 अप्रैल 2016: कैंट थाना के सामने खड़ी बस में बम होने की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो काल करने वाले का पता नहीं लग सका।

28 मार्च 2016: किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके सीरियल ब्लास्ट करने की धमकी दी। बताया कि दोपहर तीन बजे से लेकर छह बजे के बीच में एक- एक करके 25 जगहों पर बम फूटेंगे।

26 मार्च 2016: कुशीनगर जिले के कप्तानगंज हियुवा नेता विपुल खेतान के मोबाइल पर फोन करके गोरखनाथ मंदिर उड़ाने की धमकी दी गई।

03 मार्च 2016: दिल्ली से गोरखपुर आ रही जेट एयरवेज को बम से उड़ाने की धमकी, काल को ट्रेस करने में पुलिस नाकाम रही।

इस वजह से फेल रही पुलिस

- इंटरनेट के जरिए गोरखपुर में ब्लास्ट की धमकियां दी जा रही हैं।

- जिले की पुलिस इंटरनेट से आने वाली काल को ट्रैक करने में नाकाम है।

- इंटरनेट से काल करने पर सिर्फ तीन से चार नंबर जनरेट होते हैं।

- फोन रिसीव करने पर यही नंबर सामने आते हैं। इस नंबर के आधार पर पता काल करने वाले को ट्रैक करना मुश्किल होता है।

- मुकदमा दर्ज करके पुलिस जांच में जुटी रहती है। लेकिन शुरूआत कहां से करें। इसके बारे में जानकारी नहीं मिल पाती।

2007 में हुए थे सीरियल ब्लास्ट

पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि शहर में बम फोड़ने की धमकियां कई बार मिल चुकी हैं। हर बार पुलिस ऐसे मामलों को नजरअंदाज करती रहती है लेकिन वर्ष 2007 में सीरियल ब्लास्ट से पूरा शहर थर्रा गया था। बताया जाता है कि इसके पूर्व आतंकियों ने बम विस्फोट की धमकी दी थी तब पुलिस ने धमकी को नजरअंदाज कर दिया। उसका नतीजा यह हुआ कि गोलघर सहित तीन जगहों पर साइकिल में टिफिन टांगकर आतंकियों ने विस्फोट करा दिया।

नेपाल बॉर्डर जारी हुआ अलर्ट

यूपी में सीएम के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्कता बरत रही हैं। नेपाल बॉर्डर से आतंकी गतिविधियों के संचालित होने की वजह से सतर्कता बढ़ा दी गई है। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नेपाल बॉर्डर से सटे गोरखपुर जोन के सभी जिलों को अलर्ट किया गया है। हर किसी को चेकिंग के बाद नेपाल से भारत में आने दिया जा रहा है।