-चार घंटे के भीतर शहर में तीन जगहों हुई तीन वारदातें

-नाकामी छिपाने को तहरीर बदलवाने में जुटी रही पुलिस

GORAKHPUR: शहर से अपराधियों का सफाया करने के दावे करने वाली पुलिस की हकीकत उलट है। अपराध होने पर पुलिस एफआईआर दर्ज करने के बजाय घटनाओं को मिनिमाइज कर खत्म करने की कोशिश कर रही है। सोमवार रात शहर के अंदर चार घंटे में लूट की तीन वारदातें हुई। शाहपुर और चिलुआताल एरिया में हुई लूट की वारदातों को चोरी और गुमशुदगी का रूप देकर पुलिस मिनिमाइज करने की कोशिश में जुटी रही। रात में जब एसएसपी को मामलों को जानकारी मिली तो उन्होंने फटकार लगाई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। हालांकि तब पर भी थानों की पुलिस हर हाल में लूट का केस दर्ज करने से बचती रही। एसएसपी ने कहा कि इस तरह की शिकायतें सामने अाई हैं।

घ्ाटना एक:

गोरखनाथ, हुमायूंपुर मोहल्ला निवासी नीतेश श्रीवास्तव बीकाम फ‌र्स्ट ईयर का स्टूडेंट है। सोमवार रात करीब नौ बजे वह बहन की स्कूटी लेकर मोहद्दीपुर में परिचित के घर जा रहा था। रेलवे वर्कशॉप के पास बाइक सवार तीन बदमाशों ने उसे पीटकर स्कूटी लूट ली। छात्र ने पुलिस को सूचना दी तो कौआबाग पुलिस चौकी पर मौजूद दरोगा ने कहा कि सीओ के आने पर बता देना कि हम नेचुरल कॉल कर रहे थे। तभी बदमाश स्कूटी लेकर भाग गए। हालांकि जब एसएसपी को इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने एसपी सिटी और सीओ को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया।

घटना दो:

जंगल कौडि़या निवासी महेश प्रसाद जायसवाल गोरखपुर जंक्शन पर कार्यरत हैं। सोमवार रात करीब 12 बजे वह बाइक से घर लौट रहे थे। चिलुआताल एरिया के चिऊटहा पुल के पास पहुंचे तभी बाइक सवार दो बदमाशों ने उनको ओवरटेक करके रोक लिया। तमंचा सटाकर उनके पास मौजूद ढाई हजार रुपए और मोबाइल फोन लूट लिया। उनके बाइक की चाबी निकालकर दूर फेंकते हुए फरार हो गए। महेश ने जब चिलुआताल पुलिस को सूचना दी तो दरोगा ने कहा कि तहरीर में लिख दीजिए कि पर्स और मोबाइल कहीं गिर गया। मंगलवार की दोपहर तक वह तहरीर लेकर थाना पर भटकते रहे।

घटना तीन

तीसरी घटना रात 12 बजे के बाद हुई। देवरिया, केसीसी रोड निवासी प्रशांत दुबे बरगदवां स्थित एक समाचार पत्र के प्रेस में कार्यरत हैं। रात में वह अखबार का काम निपटाकर बस पकड़ने के लिए रेलवे बस स्टेशन पर पहुंचे। तभी किसी का फोन आने पर वह बात करने लगे। बस स्टेशन के पास वह पहुंचे तभी पीछे से आए स्कूटी सवार दो बदमाशों ने उनका मोबाइल फोन लूट लिया। प्रशांत के शोर मचाने पर तेज रफ्तार बदमाश यूनिवर्सिटी चौराहे की तरफ भाग निकले। उनकी सूचना पर कैंट पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

क्राइम कंट्रोल की हकीकत आई सामने

ये दो घटनाएं यह बताने के लिए काफी है कि पुलिस अपनी नाकामी पर किस तरह से परदा डालने की कोशिश में जुटी है। हाल के दिनों में थानों, पुलिस चौकियों पर तैनात पुलिस कर्मचारी लूट जैसे गंभीर मामलों को टरकाने की कोशिश में जुट गए हैं। लोकसभा चुनाव के करीब आने पर अपराध का आंकड़ा कम दिखाने के लिए इस तरह की हरकतें की जा रही है। सोमवार रात चार घंटे के भीतर शहर में लूट की तीन वारदातें हुई थीं, जिनमें दो की सूचना देने पर पुलिस ने लूट की शिकायत को गुमशुदगी और चोरी दर्ज कराने का दबाव बनाया। पुलिस कर्मचारियों की बात सुनकर पीडि़त भी घंटों हैरत में पड़े रहे। उनको भी पता लगा कि अपराध पर नियंत्रण रखने के दावों की हकीकत क्या है।

इसलिए करते बचाव, मुकदमे से हाेती फजीहत

शहर में बदमाशों को पकड़कर जेल भेजने के दावे पुलिस कर रही है। पुलिस अधिकारियों से लेकर थानेदार तक इस बात की दुहाई दे रहे हैं कि क्राइम कंट्रोल चल रहा है। सोमवार रात बदमाशों ने पुलिस को चुनौती दी। चार घंटे के भीतर लूट की तीन घटनाएं सामने आई। इन मामलों में पुलिस लूट की एफआईआर दर्ज करने से परहेज करती रही। पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि लूट की घटना दर्ज करने पर मामले की विवेचना करनी पड़ेगी। लूट में शामिल बदमाशों को पकड़ने के लिए टीम बनानी पड़ेगी। इस तरह के सिरदर्द से बचने का आसान उपाय है कि चोरी और गुमशुदगी दर्ज कराई जाए।

वर्जन