- कोरम पूरा करने के नाम पर चस्पा हो जाती है थानों में लिस्ट

- बरामदगी के नाम पर नहीं उठाती पुलिस कोई विशेष कदम

- गुमशुदगी लिखाने के लिए भी लोगों को करनी पड़ती है मशक्कत

GORAKHPUR: इस कदर मत सतालौट आ, लौट आ मशहूर शायर सबा बलरामपुरी के गजल की यह लाइन गोरखपुर के उन सैकड़ों परिवारों पर सटीक बैठती हैं, जो हर रोज अपनी आंखों में इंतजार की उम्मीद लिए गुमशुदा लोगों का इंतजार कर रहे हैं। साल बीत गया, लेकिन इंतजार खत्म नहीं हुआ। गोरखपुर शहर में 2017 में 80 ऐसे परिवार हैं जिनकी आंखें राह देख रही हैं। वहीं, पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक जनवरी से मार्च तक के दौरान भी जिले में करीब 15 लोगों की गुमशुदगी दर्ज की गई है। शहर से लेकर गांव तक के पुलिस थानों पर आए दिन लापता लोगों की गुमशुदगी तो दर्ज होती है, लेकिन इन्हें ढूंढ़ने के लिए पुलिस को ओर से विशेष कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। हालत यह है कि थानों के बोर्ड पर शो पीस बन रह गए हैं गुमशुदा लोग।

जोन में गुम हो गए 469 लोग

2017 में गोरखपुर जोन में 469 लोग लापता हुए हैं। हालांकि यह वह आंकड़े हैं जिनकी पुलिस थानों में बकायदा गुमशुदगी दर्ज है। जबकि, इससे भी अधिक मामले हैं जिनमें परिजन पुलिस की लंबी प्रक्रिया के कारण रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते। अपने स्तर से ही खोजबीन करते हैं। हालांकि पुलिस का दावा है कि इनमें से 196 लोगों को पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद खोज लिया गया है। लेकिन आज भी 273 ऐसे लोग हैं जो लापता हैं।

जानबूझ कर भी छोड़ देते हैं घर

हालांकि कई बार तो बच्चे खुद गुस्से में आकर या फिर दोस्तों के बहकावे में घर से दूर चले जाते हैं। उन्हें लगता है कि बाहर सबकुछ उनके अनुसार होगा। वे बेरोकटोक आराम की जिंदगी जी लेंगे। लेकिन बचपन में ही वे खुद को भयानक अंधेरे में पहुंचा देते हैं। जानकारों के मुताबिक, इसकी सबसे बड़ी वजह घर में डांट पड़ना, शहरों की चमक-धमक में फंसकर घर से भाग जाना या फिर मोबाइल और फेसबुक फ्रेंड के चक्कर में भी तमाम युवक व युवतियां घर छोड़ देते हैं।

केस - 1

शाहपुर एरिया के चौहान टोला मोहनापुर निवासी रामानंद चौहान का 16 साल का बेटा मनीष चौहान 16 जून से लापता है। हालांकि उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को देकर गुमशुदगी का केस भी दर्ज कराया। लेकिन करीब छह महीने बीत जाने के बाद भी आज तक मनीष का कुछ पता नहीं चला। परिवार के लोगों का कहना है कि शहर से लेकर बाहर तक हर जगह पता कर लिया गया।

केस-2

राजघाट एरिया के मिर्जापुर के रहने वाले मोहित गुप्ता के 58 साल के पिता रामधानी गुप्ता अक्टूबर महीने से लापता हैं। मोहित के मुताबिक, पिता की मानसिक हालत थोड़ी ठीक नहीं थी। इसकी सूचना पुलिस में तो दर्ज करा दी, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी उनके पिता का कोई पता नहीं चल सका। ऐसे में परिवार के लोग यह स्वीकार चुके हैं कि शायद रामधानी गुप्ता की मृत्यु हो गई होगी। परिवार के लोग उनकी आत्मा के शांति के लिए संस्कार भी कर चुके हैं।

कहां गुम हुए कितने लोग

- गोरखपुर जोन में 2017 में लापता हुए 469 लोग।

- 196 लोगों को पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद खोजा।

- अब तक 273 गुमशुदा लोगों का नहीं चल सका कोई पता।

- सिर्फ गोरखपुर जिले में 11 महीनों में लापता हो गए 80 लोग।

- गोरखपुर में 80, देवरिया में 63, कुशीनगर में 13, महराजगंज में 30 लोग हुए लापता।