- घटना होने पर गोरखपुर पुलिस की कार्रवाई पर उठती उंगलियां
- लूट की वारदातों में गिरावट के दावे, अन्य अपराध भी कम
GORAKHPUR: जिले में रोजाना हो रही घटनाओं ने पुलिस अधिकारियों की नाक में दम कर दिया है। रेप, छेड़खानी सहित अन्य वारदातों के सामने आने पर गोरखपुर पुलिस को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों का दावा है कि पिछले तीन साल की अपेक्षा इस बार क्राइम कंट्रोल करने में पुलिस ज्यादा कामयाब रही। रोजाना अपराधियों को अरेस्ट करके जेल भेजने का असर साफ नजर आ रहा। गगहा एरिया में किशोरी संग गैंग रेप और सिकरीगंज में सात साल की बच्ची से रेप, मर्डर की घटना में शामिल अभियुक्तों को चंद घंटों में अरेस्ट करने की कामयाबी पर अफसर भले इतरा रहे हैं। लेकिन इन घटनाओं को लेकर पुलिस जमकर ट्रोल हो रही है। एसएसपी ने कहा कि घटनाओं की सूचना पर पुलिस तुरंत एक्शन ले रही है। किसी तरह की लापरवाही सामने आने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई भी जारी है।
लूट में आई कमी, एफआईआर भी कम
जिले में मई माह के अंत तक तीन साल की अपेक्षा क्राइम के आंकड़े काफी कम हुए हैं। लूट की वारदातों में जहां कमी आई है। वहीं अन्य घटनाओं में भी पुलिस को राहत मिली। इस साल एक जनवरी से लेकर 31 मई तक एफआईआर भी कम दर्ज की गई। जबकि इस साल की तुलना में पिछले वर्ष क्राइम का ग्राफ जहां ज्यादा था वहीं मुकदमे भी खूब दर्ज हुए थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि प्रभावी कार्रवाई का असर नजर आ रहा है। हाल के दिनों में लूट में वांटेड चल रहे शातिर बदमाश को पुलिस ने हाफ एनकाउंटर में घायल कर दिया। सख्ती की वजह से कई बदमाश पुरानी जमानत तुड़वाकर जेल चले गए। जिले में अपहरण करके फिरौती मांगने, डकैती और रोड होल्डप की वारदातें नहीं हुई हैं।
मई माह तक कुल अपराध: कमी के दावे कर रही पुलिस
वर्ष डकैती लूट मर्डर बलवा सेंधमारी
2019 00 23 34 53 125
2018 01 118 54 135 177
2017 00 58 18 83 101
वर्ष रोड होल्डप वाहन चोरी कुल चोरी अन्य अपहरण
2019 00 297 416 152
2018 00 396 560 252
2017 00 360 498 222
वर्ष दहेजहत्या रेप कुल दर्ज हुई एफआईआर
2019 14 20 2807
2018 13 68 3105
2017 14 42 2626
महिलाओं के साथ हुए अपराध
वर्ष मर्डर अपहरण छेड़खानी महिला उत्पीड़न चेन स्नेचिंग शील भंग
2019 09 152 02 170 00 94
2018 17 230 00 170 01 132
2017 05 202 02 135 00 89
वर्जन
क्राइम की सूचना मिलने पर पुलिस त्वरित कार्रवाई कर रही है। हर घटना को दर्ज करके जांच पड़ताल के निर्देश थानेदारों को दिए गए हैं। अपराध करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। बैठक करके पुलिस कार्रवाई की समीक्षा की जाती है। क्राइम कंट्रोल करने के लिए विभिन्न तरह के अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
- डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी