- बेल कैंसिल कराने की तैयारी में पुलिस

- मदद में जुटे पैरोकार से लेकर जमानतदार व वकील

- हाईकोर्ट में बेल कैंसिल कराने के लिए अपील करेगी पुलिस

GORAKHPUR: टेरर फंडिंग मामसे में पकड़ी गई यूक्रेनी मॉडल डारिया मोलचन को अब पुलिस दोबारा जेल भेजने की तैयारी में है। डारिया की जमानत खारिज कराने के लिए पुलिस की ओर से हाईकोर्ट में अपील की जाएगी ताकि वह केस डिस्पोजल होने तक कहीं जा न पाए। इसके लिए पुलिस की ओर से विधिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, उसके केस की विवेचना के लिए मोबाइल व आईपैड की फॉरेंसिक रिपोर्ट को खंगाला जा रहा है। जबकि डारिया की यहां जमानत लेने वाले उसके वकील जुगुल किशोर मिश्रा का कहना है कि उनकी क्लाइंट डारिया ने किसी तरह का कोई अपराध नहीं किया है। यही वजह है कि हाईकोर्ट ने उसे जमानत भी दे दी। क्योंकि डारिया पर जो आरोप लगे हैं कि वह बिना वीजा-पासपोर्ट के भारत आई थी, वह निराधार है। उसके पास पासपोर्ट है और वह यूक्रेन से नेपाल के वीजा पर नेपाल आई थी। हां, बिना वीजा के नेपाल के रास्ते गोरखपुर आना गलत हो सकता है।

बड़े लोगों से जुड़ना है डारिया का शौक

डारिया के वकील जुगुल किशोर मिश्रा ने बताया कि करीब 20 साल की डारिया यूक्रेन के किरोवा स्ट्रीट की रहने वाली है। वह अपने माता-पिता की इकलौती बेटी है और माता-पिता के बीच अच्छे संबंध नहीं होने की वजह से बचपन से ही अपने नाना-नानी के पास रही। डारिया के पिता जहां यूक्रेन में रहते हैं, वहीं मां रूस में रहती हैं। ऐसे में मां-बाप होते हुए भी वह अनाथ की तरह रही। जुगुल किशोर के मुताबिक डारिया को बचपन से ही फाइव स्टार जिंदगी जीना और बड़े शौक थे। इसी वजह से वह यूक्रेन से लेकर भारत तक बड़े लोगों से जुड़ती चली गई। ग्लैमर के लिए उसने प्रोफेशन भी मॉडलिंग का चुन लिया। इसी वजह से भारत भी आई और यहां उसकी तमाम लोगों से दोस्ती हो गई। डारिया के वकील ने बताया कि जिन लोगों ने उसकी जमानत ली है, उनसे उसका पारिवारिक संबंध है और किसी की जमानत लेना कोई अपराध नहीं होता।

तो इसलिए एंबेसी ने नहीं लिया

यूक्रेन वापस जाने की बात को लेकर उसके वकील का कहना है कि चूंकि वह भारत की एंबेसी के जरिए यहां नहीं आई थी। इसलिए भारत में स्थित यूक्रेन एंबेसी ने उसकी सुपुर्दगी लेने से इंकार कर दिया। वह नेपाल होकर आई थी, इसलिए उसकी सुपुर्दगी नेपाल स्थित यूक्रेनी एंबेसी ही ले सकती है। हालांकि जब तक डारिया के केस का डिस्पोजल नहीं होता, तब तक उसे यूक्रेन जाना भी नहीं चाहिए। क्योंकि उसे अपनी हर तारीख पर हाजिर होना होगा।

महेंद्र सिंह बिष्ट हैं डारिया के पैरोकार

वकील ने बताया कि जमानतदार मिलना मुश्किल हो रहा था, लेकिन दिल्ली में रहने वाले डारिया के पैरोकार महेंद्र सिंह बिस्ट ने उसकी भी व्यवस्था की। वकील जुगुल किशोर के मुताबिक डारिया केस से जुड़ी सभी चीजें महेंद्र सिंह बिष्ट ही देखते हैं। बावजूद इसके इस पूरे केस में वही हुआ जो कानूनन सही है और बतौर वकील होते हुए मैंने वही किया जो एक वकील को अपने मुअव्वकिल के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में डारिया की जमानत कराने वाले वकील संदीप कृष्ण सक्सेना के सही प्रयास से ही उसे जमानत मिल सकी। हालांकि डारिया पर हनीट्रैप जैसे लगे आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि यह बात पूरी तरह गलत है और अब तक की पुलिस जांच में कहीं भी इसकी पुष्टि भी नहीं हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि डारिया के केस में फाइनल रिपोर्ट भी लग सकती है। क्योंकि अब तक उसके खिलाफ किसी तरह का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

भारत छोड़कर नहीं जा सकती डारिया

वहीं, हाईकोर्ट से डारिया को मिली जमानत ऑर्डर के मुताबिक वह केस खत्म होने तक भारत छोड़कर नहीं जा सकती। क्योंकि उसे अपने केस की हर पेशी तारीख पर या तो खुद या अपने वकील के जरिए कोर्ट में हाजिर होना जरूरी है। लेकिन तीन बार डारिया को खुद कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। पहला जब कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने के बाद उसका केस खुलेगा। दूसरा जब डारिया पर आरोप तय होगा और तीसरा जब केस की आखिरी में डारिया का कोर्ट में बयान दर्ज किया जाएगा।

बॉक्स

जेल में हिंदी बोलना सीख गई डारिया

डारिया के वकील के मुताबिक उनके परिचितों के जरिए डारिया का केस उनके पास आया। गिरफ्तारी के दिन ही उसकी जमानत लेने के लिए लोगों ने संपर्क किया। उसी समय डारिया से पहली बार मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि केस के सिलसिले में जानकारी लेने के लिए जेल में भी कई बार मुलाकात हुई। भाषा में थोड़ी दिक्कत जरूर होती थी, लेकिन जेल में रहने के दौरान डारिया थोड़ी-बहुत हिंदी बोलना सीख गई है। नमस्ते, आप कैसे हैं जैसे आसन शब्द वह बोल व समझ लेती है। ऐसे में हिंदी व अंग्रेजी मिलाकर उससे बात हो जाती थी।

वर्जन

डारिया मोलचन के केस की जांच चल रही है। उसके मोबाइल व आईपैड की फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच की जा रही है। जल्द ही उसकी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी जाएगी। डारिया की जमानत खारिज कराने के लिए हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।

- शलभ माथुर, एसएसपी