- सबूत जुटा रही पुलिस, भेजे जाएंगे जेल

- जेल में बंद बदमाशों को पहुंचा रहे मदद

GORAKHPUR: शहर में एक्टिव बदमाशों से संपर्क साधकर उनको मदद पहुंचाना भारी पड़ सकता है। बदमाशों से जुड़ाव रखने वाले 200 लोगों को पुलिस ने चिन्हित किया है। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जो जेल में बंद बदमाशों के लिए काम कर रहे हैं। साइलेंट रहकर वह उनकी गतिविधियों को अंजाम देते हुए लाभ दिला रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने की टीम गठित की गई है। ठोस सबूत जुटाकर ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा।

साइलेंट रहकर पहुंचा रहे मदद

शहर में अपराधियों का नेटवर्क तोड़ने के लिए पुलिस सघन अभियान चला रही है। विभिन्न मामलों में छह माह के भीतर करीब 300 लोगों को पुलिस जेल भेज चुकी है। गंभीर अपराधों में शामिल बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ गुंडा और गैंगेस्टर की कार्रवाई की है। बदमाशों के जेल जाने के बाद भी कुछ जगहों पर बदमाश सक्रिय हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि चोरी-छिपे कुछ लोग बदमाशों की मदद कर रहे हैं। पुलिस के मूवमेंट की जानकारी देने से लेकर संरक्षण तक मुहैया करा रहे हैं। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन पर सीधे अउंगली नहीं उठाई जा सकती है। इसलिए पुलिस गोपनीय तरीके से सबूत जुटा रही है। कुछ लोगों का नाम प्रकाश में आया है जिनके बारे में जानकारी देने में पुलिस अधिकारी हिचक रहे हैं।

जेल से नेटवर्क चला रहे माफिया

पिछले 10 माह के भीतर जेल जा चुके माफियाओं पर पुलिस की खास नजर है। प्रदेश की अन्य जेलों में बंद बदमाशों के इशारे पर शहर में बैठे कुछ लोग काम कर रहे हैं। इस बात की जानकारी मिलने के बाद से पुलिस कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने ऐसे लोगों की तलाश शुरू कर दी है जिनके बारे में सुराग मिले हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जेल में बंद एक बदमाश सहित अन्य के लिए शहर में काम करने वाले लोगों को पकड़ने की कोशिश में पुलिस लगी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस कार्रवाई के डर से कुछ लोगों ने प्रदेश छोड़ दिया था। लेकिन वह लोग भी लोकल लोगों की मदद से अपने गिरोह का संचालन करने में लगे हुए हैं।

वर्जन

शहर में एक्टिव बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। अपराधियों की मदद करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई का अभियान चलाया जाएगा। कुछ लोगों के बारे में जानकारी मिली है। जांच पड़ताल के लिए टीम लगी है।

- सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसएसपी