-सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पुलिस कर रही सेंधमारी

-बवाल से निपटने के लिए हर कंटेट की जाएगी निगरानी

GORAKHPUR: लोकसभा चुनाव में पल-पल बदलते माहौल को देखते हुए पुलिस खुफिया निगरानी करेगी. नेताओं और कार्यकर्ताओं की हरकतों पर नजर रखने के लिए पुलिस के डिजिटल वालंटियर्स सेंधमारी में जुटे हैं. हर मोहल्ले से कम से कम दो लोगों को नेताओं, उनके समर्थकों, पार्टी कार्यकर्ताओं के ग्रुप में जोड़कर पुलिस मुखबिरी करेगी. इलेक्शन के दौरान सोशल मीडिया पर नजर रखने के लिए लखनऊ में हेल्पलाइन जारी होने के बाद से पुलिस हरकत में आ गई है. पुलिस की स्पेशल टीम हर हरकत पर नजर रखते हुए कार्रवाई के लिए थानों को सूचित करेगी. कंटेंट के अनुसार केस दर्ज कर पुलिस कार्रवाई करेगी.

हर कोई सीधे दे सकेगा पुलिस को सूचना

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इलेक्शन में कई चीजें काफी आपत्तिजनक होती हैं, जिनसे बवाल होने की आशंका होती है. सोशल मीडिया पर व्यक्त किए जा रहे तमाम विचार चुनाव आचार संहिता के दायरे में आते हैं. कुछ लोग भड़काऊ पोस्ट डालकर बवाल कराने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोगों पर शिकंजा कसने के लिए डीजीपी ने हाल ही में लखनऊ में हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. सोशल साइट्स पर पोस्ट होने वाले कंटेट की निगरानी और किसी भी प्रकार की अफवाह को रोकने के लिए पहल की गई है. इस नंबर आपत्तिजनक सामग्री सहित कोई भी शिकायत दर्ज करा सकेगा. इसके अलावा जिला स्तर पर भी सोशल मीडिया पर नजर रखी जाएगी. सभी थानेदार, चौकी प्रभारी और बीट सिपाही भी अपना ग्रुप बनाकर निगरानी करेंगे. थानों के वालंटियर्स ग्रुप पहले से ज्यादा एक्टिव कर दिए गए हैं. डीजीपी हेडक्वार्टर से जारी हेल्प लाइन नंबर पर सीधे शिकायत दर्ज कराने की सुविधा दी जाएगी.

किस नेता संग कितने अपराधी, करेंगे खुफिया निगरानी

इलेक्शन करीब आते ही तमाम आपराधिक किस्म के लोग नेताओं संग चुनाव प्रचार में उतर जाते हैं. क्षेत्र बदलकर नेताओं संग घूमने वाले बदमाशों को पब्लिक समर्पित कार्यकर्ता समझ लेती है. सही जानकारी के अभाव में प्रचार वाले क्षेत्र की पुलिस भी कोई जांच पड़ताल नहीं करती. उधर जिस थाना क्षेत्र में बदमाश के खिलाफ मुकदमे होते हैं. वहां की पुलिस तलाश करती रह जाती है. इसलिए चुनाव के दौरान बदमाशों पर कार्रवाई नहीं हो पाती है. चुनाव में सक्रिय होने वाले बदमाशों की निगरानी के लिए पुलिस ने टीम एक्टिव कर दिया है. ताकि ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जा सकेगा.

ऐसे नजर रखेगी पुलिस की टीम

सोशल मीडिया पर होने वाले राजनीतिक, आपत्तिजनक, धार्मिक पोस्ट की निगरानी की जाएगी.

फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सअप और यू-ट्यूब के कंटेट पर पुलिस की स्पेशल विंग नजर रखेगी.

शिकायतकर्ता किसी मामले की जानकारी टेक्स्ट मैसेज, वीडियो क्लिप और स्क्रीनशॉट के जरिए भेज सकते हैं.

किसी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने और दुष्प्रचार करने पर पुलिस मुकदमा दर्ज करके एक्शन लेगी.

मोहल्लों में सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगों की पूरी डिटेल जुटाकर पुलिस अपने पास रखेगी.

सोशल मीडिया पर यह बरतें सावधानी

कोई मामला सामने पर पुलिस के हेल्पलाइन नंबर 9797101616 पर सूचना दे सकते हैं.

इलेक्शन को देखते हुए कोई आपत्तिजनक टिप्पणी न करें. इस्तेमाल में सावधानी बरतें

धार्मिक उन्माद फैलाने वाले पोस्ट से बचें, नजरअंदाज करते हुए पुलिस को सूचना दें.

किसी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले पोस्ट को लाइक, शेयर करने से बचाव करें.

आपत्तिजनक कंटेट की सूचना लोकल थाना, पुलिस चौकी पर दी जा सकती है.

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