- पशु तस्करी रोकने को लेकर शासन के कड़े तेवर से पुलिस महकमे की उड़ी नींद

- पुलिस कर्मचारी किए जाएंगे प्रशिक्षित, पशु तस्करों की खुलेगी हिस्ट्रीशीट

GORAKHPUR: पशुओं की तस्करी को रोकने के लिए पुलिस ने खुद को तैयार करना शुरू कर दिया है। वह इससे जुड़े कानूनों को रटने में लग गई है। वहीं महकमा भी पुलिस कर्मचारियों को ट्रेनिंग देने पर विचार कर रहा है। पुलिस ट्रेनिंग स्कूल से लेकर थानों तक में पाठशालाएं लगाकर पशुओं से जुड़े नियम-कानूनों की विधिवत की जानकारी दी जाएगी। ताकि पशु क्रूरता या तस्करी के मामले सामने आने पर कार्रवाई में कोई कसर बाकी न रह जाए। आईजी का कहना है कि पशु तस्करी करने वाले, उनसे जुड़े लोगों की हिस्ट्रीशीट भी खोली जाएगी।

चिन्हित किए तस्करी के रास्ते

तस्करों के लिए गोरखपुर तस्करी का रूट रहा है। आसपास के जिलों से व अन्य जगहों से तस्करी कर लाए गए पशु गोरखपुर से होकर बिहार होते हुए बंगाल भेज दिए जाते हैं। गोरखपुर मंडल के चार जिलों महराजगंज, देवरिया, कुशीनगर और गोरखपुर के 33 थाना क्षेत्रों में तस्करी के 17 मुख्य रास्ते चिन्हित किए गए हैं। वर्ष 2015 में तत्कालीन डीआईजी आरके चतुर्वेदी ने रास्ते चिन्हित करके थानेदारों को रोक लगाने के निर्देश दिए थे। उन्होंने सड़कों पर बैरियर लगाकर गुजरने वाले मालवाहकों की चेकिंग करने को कहा लेकिन ये निर्देश फाइलों में सिमट कर रह गए।

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यहां तस्करी के इतने रूट

गोरखपुर 07

देवरिया 11

कुशीनगर 10

महराजगंज 06

इस रूट से होती ज्यादा तस्करी

- सहजनवां-बाघागाड़ा-कुशीनगर

- सहजनवां- बड़हलगंज-गोला

- बड़हलगंज- पटनाघाट

- कपरवार घाट - बरहज बाजार रोड

- लार- मईल होते हुए मेहरौना घाट तक

- देवरिया कोतवाली सदर से करौंदी रोड

- बघौचघाट से पकहाघाट रोड पर

- बनकटा से रामपुर बुजुर्ग

- कुशीनगर से गोपालगंज नेशनल हाइवे

- खड्डा- नेबुआ नौरंगिया होते हुए मंशा छापर तक

- टेकुआटार - खैरटरवा से आगे

- पटहेरवा के पिपरा से होते हुए समऊर बाजार रोड

- गंगुआ, मठिया के ग्रामीण इलाके की सड़क

- कोठीभार सबया ढ़ाला होते हुए कप्तानगंज

- घुघली के सबया ढाला से होते हुए रमगढ़वा

- बृजमनगंज - सिद्धार्थनगर- धानी

- कोल्हुई - सिद्धार्थनगर

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इन थाना क्षेत्रों में फैला जाल

गोरखपुर

गोला, बड़हलगंज, गगहा, खजनी, बेलीपार, सहजनवां और चिलुआताल

देवरिया

बरहज, मईल, लार, कोतवाली, गौरी बाजार, तरकुलवा, बघौचघाट, सलेमपुर, खुखुंदू, भाटपाररानी और बनकटा

कुशीनगर

नेबुआ नौरंगिया, कोतवाली पडरौना, खड्डा, तरयासुजान, पटहेरवा, विशुनपुरा, हाटा, बरवापट्टी व बहादुर, समुई पुलिस चौकी

महराजगंज

कोल्हुई, बृजमनगंज, घुघली, श्यामदेउरवा, कोठीभार और फरेंदा क्षेत्र

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सिर्फ कैरियर ही लगे हाथ

जिले से पशु तस्करी के मामले सामने आते रहते हैं। जाड़े के दिनों में कोहरे का लाभ उठाकर पशु तस्कर गांव-देहात, शहर-कस्बों के आसपास पशुओं को इकट्ठा करा लेते हैं। रात में ट्रक लगाकर उनको लाद लिया जाता है। चेकिंग के दौरान पुलिस पशुओं के गोबर और मूत्र से उनके ट्रक में होने का अंदाजा लगाती है। लेकिन पुलिस से दो कदम आगे तस्कर पशुओं का मल-मूत्र सड़क पर गिरने ही नहीं देते। भीतर से कोई रिसाव न होने पर कच्चा माल बताकर तस्करी वाले ट्रक आसानी से निकल जाते हैं। जिले में चेकिंग के दौरान पुलिस सिर्फ कैरियरों को पकड़ सकी है। गुलरिहा और शाहपुर में पुलिस पर हमले के बावजूद पुलिस तस्करों के सरगना तक नहीं पहुंच सकी। पकड़े गए पशुओं की देखभाल का इंतजाम न होने से उनको पुलिस गांव के लोगों को सौंप देती है। ऐसे में कई बार वही पशु दोबारा तस्करों के हाथ लग जाते हैं।

हिस्ट्रीशीट खोलने के दिए निर्देश

दुधारू पशुओं की तस्करी और कटान को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा। सीएम के आदेश को देखते हुए आईजी ने सभी जिलों के पुलिस प्रमुखों को पत्र भेजा है। आईजी ने कहा कि पशु तस्करी के मामले में पकड़े गए लोगों की डिटेल तैयार कराई जाए। उनसे जुड़े पुलिस कर्मचारियों पर भी नजर रखी जाए। पशु तस्करी में शामिल पाए गए लोगों की हिस्ट्रीशीट खोलकर कार्रवाई की जाए।

वर्जन

गो-वंशीय पशुओं की तस्करी रोकने, तस्करों पर शिकंजा कसने के निर्देश दिए गए हैं। हर जिले से उनकी रिपोर्ट मंगाई जा रही है। पशु तस्करी में शामिल रहे लोगों, उनसे सांठगांठ रखने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। पशु तस्करों की हिस्ट्रीशीट खोलने का निर्देश दिया गया है।

मोहित अग्रवाल, आईजी