- परिवहन निगम ने निकाली थी ड्राइवर्स की 101 भर्तियां, खत्म हुई डेट लेकिन नहीं मिले आवेदक

GORAKHPUR: बेरोजगारी की समस्या इस कदर है कि एक छोटी सी पोस्ट के लिए बड़े-बडे़ डिग्रीधारकों की भीड़ लग जाती है। लेकिन बेरोजगारी से त्रस्त पूर्वांचल इलाके में परिवहन निगम को खोजे ड्राइवर नहीं मिल रहे हैं। हाल ये है कि अभी परिवहन निगम ने 101 ड्राइवरों की भर्ती निकाली थी। जिसमें सात दिन तक गोरखपुर रीजन के सभी आठों डिपों पर एआरएम इंटरव्यू के लिए इंतजार करते रहे लेकिन किसी ने भी इस भर्ती में जरा भी इंट्रेस्ट नहीं दिखाया। वहीं जिन कुछ डिपो में भर्ती प्रक्रिया चल भी रही है वहां भी खाता खुल जाए तो बड़ी बात होगी। अब देखना ये है कि ड्राइवरों की कमी झेल रहा परिवहन विभाग भर्ती की डेट कितना आगे बढ़ाता है। साथ ही आवदकों को लुभाने के लिए वे क्या पहल करता है जिससे ड्राइवरों का रुझान परिवहन निगम की तरफ बढ़े।

ड्राइवर्स को मिलती है ये सुविधा

रोडवेज आरएम डीबी सिंह ने बताया कि यहां पर संविदा पर रखे गए ड्राइवरों को अच्छी सुविधा दी जाती है। ड्राइवर का पांच लाख का मुफ्त बीमा, 1.36 पैसे किमी, महीने में 22 दिन काम करने पर 3 हजार प्रोत्साहन राशि और इसके अलावा कई और भी सुविधाएं संविदा ड्राइवरों को दी जाती हैं। जिससे ड्राइवर्स को कभी परेशानी नहीं आनी चाहिए। इन सब के बावजूद ड्राइवरों का इंट्रेस्ट न दिखाना सोच से परे है।

प्राइवेट गाडि़यों में मिलती मोटी रकम

सूत्रों की मानें तो परिवहन निगम को चूना लगाने वाली डग्गामार बसों में ड्राइवरों की अच्छी कमाई होती है। इन वाहनों के मालिक 15 से 20 हजार रुपए अपने ड्राइवरों को देते हैं। जिससे ज्यादातर ड्राइवर प्राइवेट वाहन चलाने में ही अपना फायदा समझते हैं। इन गाडि़यों में वे कुछ ऊपरी इनकम भी निकालने में आसानी से कामयाब हो जाते हैं। रोडवेज गाडि़यों की अपेक्षा इसको चलाने में ड्राइवर को तनाव भी कम रहता है।

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नजदीक है कुंभ मेला

काफी दिनों से ड्राइवर की कमी झेल रहे परिवहन निगम ने कुंभ को ध्यान में रखकर ड्राइवरों की भर्ती निकाली है। सीएम सिटी होने की वजह से कुंभ मेले में गोरखपुर रीजन को बेहतर बस सेवा देनी है। अधिकारियों को डर सता रहा है कि ड्राइवरों की कमी कहीं कुंभ मेले में बस सेवा पर असर न डाल दे। इसके लिए अधिकारी रात-दिन एक किए हुए हैं।

कोट्स

मै कई साल से प्राइवेट बस ही चलाता हुं। क्यूंकि रोडवेज की सैलरी काफी कम है इससे परिवार का खर्चा चलना मुश्किल है। इसलिए मैंने कभी रोडवेज बस चलाने के लिए ट्राई भी नहीं किया।

- संजय, ड्राइवर

मै 20 साल से प्राइवेट बस चला रहा हुं। मेरी जरूरत भी यही पूरी करता है। रोडवेज में ड्राइवरों की भर्ती निकलती है लेकिन उनकी तनख्वाह से पेट भरना मुश्किल है।

- राजेश, ड्राइवर

वर्जन

ड्राइवरों को अच्छी सैलेरी के साथ ही अच्छी सुविधा भी दी जाती है। फिर भी ड्राइवर नहीं आ रहे तो इसका रीजन देखा जाएगा और भर्ती प्रक्रिया अभी ऐसे ही चलती रहेगी। उम्मीद है कि बहुत जल्द अच्छे ड्राइवर भी मिल जाएंगे।

- डीबी सिंह, आरएम