- खुफिया रिपोर्ट से रेलवे में मचा हड़कंप, पटरियों की सुरक्षा को लेकर अलर्ट

- संदिग्धों की तलाश में 400 गांव में कैंप कर ग्रामीणों को जागरूक कर चुकी है आरपीएफ

GORAKHPUR: आतंकियों ने देश में आतंक फैलाने के लिए अब महत्वपूर्ण स्थलों को नहीं बल्कि भारतीय रेल को अपने टारगेट पर रखा है। रेल पटरियां उड़ाकर हादसे को अंजाम देने की फिराक में लगे 80 संदिग्धों की सूचना से रेलवे में हड़कंप मचा हुआ है। रेलवे की सुरक्षा एजेंसी आरपीएफ की नींद उड़ गई है। खुफिया तंत्र की रिपोर्ट आने के बाद से ही रेल पटरियों के किनारे बसे गांवों में आरपीएफ शिविर लगाकर लोगों को जागरूक कर रही है। इसके तहत आरपीएफ ने अब तक 400 गांवों में शिविर कर ग्रामीणों को संदिग्धों के आने की संभावना और अनजान शख्स के गांव में आते ही सूचना देने को आगाह किया है। वहीं पटरियों की सुरक्षा के लिए पैदल गश्त कर पटरियों की जांच भी तेज कर दी गई है।

बिहार में पकड़ा गया था मोती

कानपुर के पुखराया में रेल हादसे के बाद यह बात सामने आई थी कि आतंकियों ने पटरी को उड़ाकर हादसे को अंजाम दिया था। इस मामले का आरोपी मोती बिहार में पकड़ा गया था, जिसके बाद पुलिस ने घटना के मास्टरमाइंड शमशुल होदा को नेपाल से पकड़ लिया था। उससे पूछताछ में पता चला था कि देश के अलग-अलग हिस्सों में हादसे के लिए करीब 80 लोगों को ट्रेनिंग दी गई है और वे गांवों में रहकर रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाएंगे। इसके बाद ही खुफिया रिपोर्ट जारी की गई थी। वहीं रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई थी कि रेल हादसों को अंजाम देने के लिए किसी आंतकी को नहीं बल्कि आईएसआई बिहार में पकड़ा गया रेल हादसों का मास्टर माइंड मोती पासवान जैसे अपराधियों को मोहरा बना रहा है।

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पटरी किनारे वाले गांवों में शिविर लगाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही आरपीएफ के नंबर बांटे गए हैं। एक महीने में करीब 400 गांव में जागरूकता अभियान चलाया गया है। इसे लेकर हम पूरी तरह अलर्ट हैं। पैदल गश्त कर पटरियों की निगरानी भी की जा रही है।

राजाराम, चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर, एनई रेलवे