-पुलिस पहुंची तो ऑनर को हुई जानकारी

-थाने पर खड़ी बाइक, आरटीओ में दौड़भाग

GORAKHPUR: अगर आप के पास कोई फोर व्हीलर या टू व्हीलर है तो सजग हो जाइए। ऐसा हो सकता है कि किसी दिन सुबह-सुबह किसी की दस्तक की नींद टूटे जो आप के दरवाजे पर पुलिस संग खड़ा होकर चोर बना दे। आप के गैराज में खड़े वाहन को अपना बताकर पुलिस कर्मचारियों से सारी इज्जत उतरवा दे। ऐसा सब कुछ संभव है आरटीओ ऑफिस की मेहरबानी से जहां बिना ऑनर के पहुंचते ही वाहनों का मालिकाना हक बदल जा रहा है। गलती सामने आने पर यदि आप ने शिकायत दर्ज कराई तो सुधार की बात कहकर अधिकारी मामला खत्म कराने की कोशिश करेंगे। ऐसा कोई पहली बार नहीं हुआ है, बल्कि बार-बार मामले सामने आ रहे हैं।

पीपीगंज क्षेत्र की एक महिला के नाम से रजिस्टर्ड बाइक को आरटीओ के दलालों ने बाबुओं से मिलकर दूसरे के नाम ट्रांसफर करा दिया। फिलहाल, मामले की जांच पूरी होने तक पीपीगंज पुलिस ने बाइक को अपने कब्जे में ले लिया है। बाइक चलाने वाला आरटीओ के चक्कर काट रहा है ताकि उसके मामले का निस्तारण हो जाए। आरटीओ प्रशासन की अवकाश होने पर की वजह से सोमवार को भी पीडि़त को कोई मदद नहीं मिल सकी।

पुलिस पहुंची तो हुई ट्रांसफर की जानकारी

पीपीगंज के सिंहोरवा, मेहदरिया की कुसुम के नाम से परिजनों ने बाइक खरीदी थी। वह बाइक उसके परिचित लक्ष्मीपुर, मछरिहा निवासी मनोज कुमार के पास थी। 2015 में खरीदी गई बाइक का इस्तेमाल दोनों परिवारों के लोग करते थे। शनिवार को एक व्यक्ति मनोज के घर पहुंचा। उसने मनोज पर आरोप लगाया कि उसकी बाइक चुराकर वह चला रहा है। अंजान व्यक्ति ने अपने पास मौजूद वाहन का पेपर भी दिखाया। परेशान हाल मनोज ने कहा कि उसके पास भी बाइक का पेपर है। विवाद बढ़ने पर पुलिस को सूचना दे दी गई। पीपीगंज पुलिस पहुंची तो बाइक को कब्जे में लेकर थाने चली गई। दोनों पक्षों को हिदायत दी कि ओरिजनल व्यक्ति के दस्तावेज संग सामने आने पर बाइक दी जाएगी। परेशान हाल मनोज सोमवार को आरटीओ पहुंचा। वहां पता लगा कि दलालों के माध्यम से वाहन के कागजात में गड़बड़ी की गई है। आरटीओ और एआरटीओ प्रशासन के मौजूद न होने से उसे लौटना पड़ा। कैंपस में घूम रहे कुछ कर्मचारियों ने बताया कि इस तरह की गड़बड़ी की जा रही है। रुपए के लालच में यहां कुछ भी किया जा सकता है।

पूर्व में भी सामने आ चुके मामले

आरटीओ में फर्जीवाड़ा कोई नई बात नहीं है। आए दिन यहां कोई न कोई गड़बड़ी की जाती है। बांसगांव निवासी ट्रांसपोर्टर का ट्रक बिहार के एक थाने में खड़ा था। आरटीओ में गड़बड़ी करके उनका वाहन का ऑनर बदल दिया गया। पीडब्ल्यूडी में रहने वाले कर्मचारी के बेटे की कार को कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से ट्रांसफर करा लिया था। शिकायत होने पर कर्मचारियों ने माफी मांगकर मामला सलटाने की बात की। इसके पूर्व दो वाहनों को एक ही रजिस्ट्रेशन नंबर एलाट कर ि1दए गए थे।

क्या है नियम

किसी भी वाहन का मालिकाना हक चेंज करने के लिए ऑनर को आरटीओ दफ्तर में उपस्थित होना पड़ता है। साथ ही वाहन खरीदने वाले व्यक्ति को भी बुलाया जाता है। दोनों व्यक्तियों की मौजूदगी में आरटीओ कर्मचारी वाहनों को ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करेंगे। लेकिन यहां पर दूसरा खेल चल रहा है। बिना किसी पक्ष की मौजूदगी के ही वाहनों को ट्रांसफर करा लिया जाता है। इसके लिए कैंपस में सक्रिय दलाल भारी रकम वसूलते हैं। उनके साथ मिलकर कुछ कर्मचारी यह खेल खेलते हैं। पूर्व में हुए मामलों की जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई।

दो माह से बिना आरआई चल रहा आरटीओ

आरटीओ में आरआई का पद खाली होने से पब्लिक को परेशानी उठानी पड़ रही है। दो माह पूर्व आरआई जय सिंह का तबादला होने के बाद से पद खाली पड़ा है। आरटीओ से जुड़े लोगों का कहना है कि यहां पर दो आरआई का पद है। दोनों पूरी तरह से खाली चल रहा है। आरआई की गैर मौजूदगी में आरटीओ प्रशासन के जिम्मे सारा कार्यभार है। लेकिन वह तीन दिनों के लिए अवकाश पर चले गए हैं। इस वजह से कोई काम नहीं हो पा रहा है। रजिस्ट्रेशन, ट्रांसफर सहित कई कार्य प्रभावित हो रहे हैं।