- प्राइवेट स्कूलों में न्यू सेशन शुरू होते ही फिर चालू हो गई प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाले वैन और ऑटो की मनमानी

- ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ नहीं करते इन बेलगाम व्हीकल ड्राइवर्स के खिलाफ कार्रवाई

GORAKHPUR: सिटी के प्राइवेट स्कूलों में नया सेशन शुरू होते ही प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाले वैन और ऑटो का पुराना खेल चालू हो गया है. ऐसे वाहन धड़ल्ले से बच्चों को भर सड़कों पर फर्राटा भरते दिख रहे हैं लेकिन इन अवैध ऑटो और वैन ड्राइवर्स के खिलाफ न तो आरटीओ कार्रवाई करता है और न ही ट्रैफिक पुलिस को ही मासूमों की हिफाजत की कोई फिक्र नजर आ रही है. न्यू सेशन शुरू होने के साथ ही दैनिक जागरण आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने शहरभर में स्कूली वाहनों का रियल्टी चेक किया तो जबरदस्त लापरवाही की तस्वीर सामने आई.

जिम्मेदारों को हादसे का इंतजार

सिटी के विभिन्न स्कूलों के मेन गेट पर प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाले वैन और ऑटो वालों की भरमार नजर आई. एक वैन में जहां 6-7 बच्चों के बैठने की जगह होती है. वहां 18-20 बच्चे बैठे नजर आए. कमोवेश ब्लैक और ग्रीन ऑटो में भी 12-15 बच्चे बैठे नजर आए. लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि स्कूल खुलने के बाद भी आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस के जिम्मेदार अधिकारी पूरी तरह अंजान बने हुए हैं.

टाइम - सुबह 10 बजे

स्पॉट - धर्मपुर

जब रिपोर्टर धर्मपुर स्थित लिटिल फ्लावर स्कूल पहुंचा तो वहां पैरेंट्स के चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लगी नजर आई. वहीं एक तरफ अवैध वैन व ऑटो वालों ने बेतरतीब गाडि़यां खड़ी कर रखी थीं. स्कूल के वाइस प्रिंसिपल तक अपनी बोलेरो में इन अवैध ऑटो व वैन के बीच फंसे नजर आए. खुद को बोलेरो गाड़ी में बंद कर सुरक्षित महसूस करने वाले वाइस प्रिंसिपल से जब रिपोर्टर ने बात करने की कोशिश की तो उन्होंने रिपोर्टर से बात करना तक उचित नहीं समझा.

टाइम - सुबह 10.45 बजे

स्पॉट - यूनिवर्सिटी चौराहा

जब रिपोर्टर अपने कैमरा पर्सन के साथ यूनिवर्सिटी चौराहे के पास पहुंचा तो कैमरे को देख ऑटो वाले सरपट भागने लगे. कैमरे में कैद न हों, इसके लिए वे अपने मुंह दूसरी तरफ फेरने लगे. इस बीच तीन सवारी में पास ऑटो में 14 बच्चे भरे नजर आए. जब रिपोर्टर ने ड्राइवर से बच्चों की संख्या को लेकर बात करने का प्रयास किया तो वो भाग गया.

टाइम - 11.15 बजे

स्पॉट - सिविल लाइंस

जैसे ही टीम सिविल लाइंस एरिया के स्कूलों के पास पहुंची तो ज्यादातर पैरेंट्स अपने फोर व्हीलर सड़क पर ही पार्क किए दिखे. वहीं अवैध वैन और ऑटो वाले भी बच्चों को भरते नजर आए. हालांकि बच्चों से जब रिपोर्टर ने बात की तो ऑटो वाले अंकल की जमकर शिकायत मिली. बच्चों का कहना था कि पैसे पूरे लेते हैं और बैठने तक की जगह नहीं देते हैं.

टाइम - सुबह 11.45 बजे

स्पॉट - छात्रसंघ चौराहा

स्कूल की छुट्टी होने के बाद जब टीम छात्रसंघ चौराहे के पास पहुंची तो हैरान करने वाली तस्वीर नजर आई. ऑटो ड्राइवर अपने बगल में तीन-तीन बच्चों को बैठाए हुए नजर आया. जबकि वह ऑटो चला नहीं पा रहा था फिर भी वह जाम में आड़े-तिरछे कर ऑटो निकालता दिखा. पूछे जाने पर चुप्पी साधे रखा.

कोट्स

स्कूल की तरफ से अगर छोटे व्हीकल्स चलाए जाते तो हमें इन अवैध ऑटो या वैन वालों का सहारा नहीं लेना पड़ता. लेकिन स्कूल प्रशासन की तरफ से कभी पहल ही नहीं की जाती है.

- विजेता सिंघानिया, पैरेंट

बच्चों को इन वैन या ऑटो से कौन भेजना चाहता है लेकिन मजबूरी है. अब ऑफिस गोइंग व्यक्ति सुबह कैसे उठकर डेली बच्चों को स्कूल छोड़ पाएगा. ऐसे में ऑटो या वैन करना तो मजबूरी है. अगर स्कूल का होता तो रिस्क नहीं होता. कम से कम स्कूल की जिम्मेदारी तो होती.

- प्रमोद पैरेंट

सिटी में अवैध ऑटो और वैन स्कूली बच्चों को ठूंस कर बैठा लेते हैं. उपर से छुट्टियों के भी पूरे पैसे वसूलते हैं. जबकि इन ऑटो या वैन वालों को पैसे लेने का कोई अधिकार नहीं है. इनके खिलाफ तो सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

- अनंत पैरेंट

जितने भी प्राइवेट स्कूल हैं उन्हें इस तरह के ऑटो या वैन वालों पर रोक लगा देनी चाहिए. लेकिन इसके बदले स्कूल प्रबंधन को छोटे वाहनों की संख्या में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए ताकि पैरेंट्स को इस तरह के वाहनों का सहारा न लेना पड़े.

- सुरेश, पैरेंट

फैक्ट फिगर

सिटी में अवैध प्राइवेट स्कूली वैन - 93

अवैध प्राइवेट रजिस्ट्रेशन वाले ऑटो - 3523

स्कूल बस - 944

सीबीएसई स्कूल - 85

सीआईएससीई स्कूल - 19

बेसिक शिक्षा विभाग से मान्यता प्राप्त प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल - 235

बॉक्स

पैरेंट्स भी करते मनमानी

धर्मपुर स्थित लिटिल फ्लावर स्कूल के बाहर सड़क पर भारी जाम को देखते हुए स्कूल के प्रिंसिपल फादर जैयमॉन ने नोटिस देकर सभी पैरेंट्स से इस बात की अपील की थी कि हैवी व्हीकल से बच्चों को दो पहिया वाहन से ही लाएं. लेकिन तमाम पैरेंट्स ने प्रिंसिपल की अपील को दरकिनार करते हुए अपने मनमानेपन का परिचय दे फोर व्हीलर लाना नहीं बंद किया.

वर्जन

आरटीओ को निर्देशित दिया जाता है कि स्कूली बच्चों का पूरा ख्याल रखें और इन वाहनों की चेकिंग शुरू कर दें. नियमानुसार कार्रवाई करें.

- आरके श्रीवास्तव, उप जिला निर्वाचन अधिकारी सह एडीएम सिटी