- नगर निगम, जीडीए व संभागिय परिवहन विभाग, परिवहन निगम कवायद शुरू कर दी है।

-बुधवार को अफसरों के बीच हुई मैराथन मीटिंग

GORAKHPUR: शहर की सड़कों पर बहुत जल्द सिटी बसें फर्राटा भरती नजर आएगी। इसके लिए प्रशासन के अलावा नगर निगम, जीडीए, संभागीय परिवहन विभाग और परिवहन निगम ने कवायद शुरू कर दी है। पहले चरण में अलग-अलग रूट्स पर पचास बसें चलाई जाएंगी। इसके बाद जरूरत के हिसाब से बसों की संख्या बढ़ती जाएगी। इसी सप्ताह नगर निगम, जीडीए और परिवहन विभाग संयुक्त रूप से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगा। इसके बाद शासन जिस विभाग को कहेगा उसकी निगरानी में सिटी बसों का संचालन होगा।

पहले कमिश्नर, फिर वीसी ने ली मीटिंग

सिटी बस सेवा शुरू करने के लिए बुधवार को पूरे दिन कई विभागों की मैराथन बैठक चली। सुबह कमिश्नर अनिल कुमार और दोपहर व शाम को जीडीए वीसी वैभव श्रीवास्तव की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इसमें यह तय हुआ कि 17 वर्ष पहले जिन रूट्स पर सिटी बस चला करती थी, उन रूट्स का सर्वे होगा। लोगों से भी फीड बैक और उनका सुझाव लिया जाएगा। इस बार कुछ नए मार्ग भी इसमें शामिल किया जा सकता है। प्रपोजल पर शासन की मुहर लगने के बाद तत्काल सिटी बसें फर्राटा भरने लगेंगी।

खंगाली जा रही हैं पुरानी फाइल

वर्ष 1990 में गोरखपुर में चलने वाली सिटी बस सेवा एक बार फिर शुरू हो जाएगी। इसके लिए प्रशासन ने कसरत शुरू कर दी है। नगर आयुक्त प्रेम प्रकाश सिंह ने बताया कि सिटी बस सेवा को फिर से चालू करने के लिए पुरानी फाइलें निकाली जा रही हैं। यदि सबकुछ ठीक ठाक रहा तो यह सेवा गोरखपुर में फिर से शुरू हो जाएगी। दरअसल जिस दौर में यह सिटी बस सेवा चलती थीं। तब से और अब के गोरखपुर में काफी अंतर आ चुका है। सड़क पर उतनी ट्रैफिक नहीं थी। लिहाजा बसें आसानी से शहर में आ जाती थीं। अब इसके रोडमैप को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। अफसर यह देखने की कोशिश कर रहे है कि किन रूटों पर बसें चल सकती हैं।

यह चलती थीं बसें

- झंगहा से कचहरी

- चौरीचौरा से कचहरी

- मेडिकल कॉलेज से कचहरी

- बरगदवा से कचहरी

- कौड़ीराम से गोरखपुर

इसकी कवायद चल रही है। जल्द ही आसपास के कस्बों को जोड़ने के लिए सिटी बसें चलाई जाएंगी। सिटी बसें से जुड़ी पुरानी फाइलें तलाशी जा रही है। एक सप्ताह में प्रपोजल बनाकर शासन को भेज दिया जाएगा। अंतिम निर्णय शासन स्तर पर लिया जाएगा।

प्रेम प्रकाश सिंह, नगर आयुक्त