जाड़े के बाद गर्मी में भी जारी लेट-लतीफी

मरम्मत कार्य का हवाला दे रहे रेलवे अधिकारी

GORAKHPUR: ठंड में ट्रेनों की लेटलतीफी झेल चुके पैंसेजर्स को गर्मी में भी परेशानी उठानी पड़ रही। धूप खिलने के बावजूद रेलवे अपनी ट्रेन का टाइम टेबल पटरी पर नहीं ला सकता है। तमाम रेलगाडि़यां घंटों देरी से चल रही हैं, जिनके इंतजार में यात्रियों को प्लेटफार्म पर समय गुजरना पड़ता है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर से चलने वाली रेलगाडि़यों का टाइम टेबल दुरुस्त हो चुका है। कुछ जगहों पर मेंटीनेंस वर्क जारी होने से ट्रेंस को काशन पर चलाया जा रहा है। इस वजह से भी देरी हाे रही है।

अप्रैल में भी विलंब से चल रही रेलगाडि़यां

ठंड में गोरखपुर से होकर गुजरने वाली ज्यादातर रेलगाडि़यां तीन घंटे से लेकर 21 घंटे तक की देरी से चल रही थीं। तब उम्मीद जताई गई कि मौसम बदलने पर ट्रेन का टाइम टेबल ठीक हो जाएगा। लेकिन मौसम साफ होने पर ट्रेनों का टाइम टेबल पटरी पर नहीं लौट सका। गोरखपुर से होकर गुजरने वाली ज्यादातर रेलगाडि़यां विलंब से चल रही है। अप्रैल का एक पखवारा बीतने के बाद भी तमाम ट्रेनें अपनी तय समय से नहीं पहुंच पा रही हैं। इनमें कई प्रमुख रेलगाडि़यां रोजाना आवागमन करती हैं जिनके पैंसेजर्स को विलंब से सफर में परेशानी उठानी पड़ रही है। रविवार को गोरखपुर से मुंबई जाने वाली अवध एक्सप्रेस कैंसिल रही।

इन रेलगाडि़यों इन रूटीन डिस्टर्ब

ट्रेन कहां से कहां तक विलंब

कुशीनगर एक्सप्रेस एलटीटी-गोरखपुर 03.32 मिनट

बाघ एक्सप्रेस हावड़ा काठगोदाम 04.45 मिनट

सप्तक्रांति मुजफ्फरपुर आनंद विहार 01.40 मिनट

वैशाली एक्सप्रेस नई दिल्ली बरौनी 01.20 मिनट

बिहार संपर्क क्रांति दरभंगा नई दिल्ली 02.55 मिनट

बाघ एक्सप्रेस हावड़ा-काठगोदाम 04.45 मिनट

राप्ती सागर गोरखपुर त्रिवेंदपुरम 28 मिनट

गोरखपुर पनवेल एक्सप्रेस गोरखपुर पनवेल 40 मिनट

मौर्य ध्वज एक्सप्रेस बरौनी जम्मूतवी 09.30 मिनट

फैक्ट फाइल

गोरखपुर से गुजरने वाली रेलगाडि़यां - 160

रोजाना सफर करने वाले पैंसेजर - 2,50000

गोरखपुर जंक्शन पर कुल प्लेटफार्म - 09

वर्जन

रेलवे ट्रैक के मेंटीनेंस का वर्क चल रहा है। मरम्मत और सुधार कार्य जारी होने की वजह से देरी हो रही है। पैंसेजर्स की सुरक्षा का विशेष ख्याल किया जा रहा है। इसलिए रेलगाडि़यां थोड़ी विलंब से चल रही हैं। मरम्मत कार्य के पूरा होते ही टाइम टेबल के अनुसार ट्रेन रन करने लगेंगी।

संजय यादव, सीपीआरओ एनई रेलवे