- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर के बाद जागे जिम्मेदार

- कमेटी की लिस्ट को कराया गया दुरुस्त, डॉ। सच्चिदानंद बने कोऑर्डिनेटर

- इससे पहले डॉ। सच्चिदानंद ने जताई थी आपत्ति

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GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में वाई-फाई में फंस रहा रोड़ा दूर हो गया है। कमेटी को लेकर फंसे पेंच को दूर करने के लिए वीसी ने जिम्मेदारों को हिदायत दी, जिसके बाद रजिस्ट्रार ने रिवाइज लिस्ट जारी करते हुए प्रोग्रामर डॉ। सच्चिदानंद पांडेय को इस कमेटी की कमान सौंप दी है। वहीं इंजीनियर्स और वहां के कर्मचारी इस कमेटी के मेंबर बनाए गए हैं। इन सभी को वाई-फाई का पूरा वर्क पूरा हुआ है या नहीं, इसकी तहकीकात कर चार दिन के अंदर रिपोर्ट सौंपनी है।

20 जुलाई को छपी थी खबर

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने वाई-फाई में फंसे पेंच को लेकर 'वाई-फाई पर रार, प्रोग्रामर ने खींचा हाथ' हेडिंग से खबर पब्लिश हुई थी। इसमें यह बताया गया था कि किस तरह से यूनिवर्सिटी में वाई-फाई में एक बार फिर रोड़ा अटक गया है और स्टूडेंट्स को इसके लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। खबर छपने के बाद जिम्मेदार जागे और तत्काल कमेटी की लिस्ट रिवाइज की और प्रोग्राम का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने अब इसकी डेडलाइन भी तय कर दी है। इस दौरान उन्हें जाकर इंस्पेक्शन करना है और अपनी रिपोर्ट सौंपनी है।

कमेटी अध्यक्ष पर फंसा था पेंच

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में वाई-फाई की जमीनी हकीकत जानने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इसमें कायदतन सीनियर मोस्ट मेंबर यानि कि प्रोग्रामर को कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए था, लेकिन यूनिवर्सिटी के कागजों में इसकी जिम्मेदारी एई को सौंप दी गई। वहीं जब बात कमेटी की रिपोर्ट आई, तो कमेटी ने स्पष्टीकरण प्रोग्रामर से मांगना शुरू कर दिया। ऐसे में प्रोग्रामर ने रजिस्ट्रार को खेद प्रकट करते हुए एक लेटर लिखते हुए इसका विरोध किया था और इस बात पर आपत्ति जताई थी कि जो लेटर उन्हें मिला है, उसमें वह सिर्फ सदस्य हैं, ऐसे में उनकी जवाबदेही नहीं बनती है। वहीं उनसे स्पष्टीकरण मांगकर उन्हें इसका जिम्मेदार साबित करने की कोशिश की जा रही है।