- डीडीयूजीयू के ब्वॉयज हॉस्टल में अब भी नहीं मिल सकी है सुविधा

- रिसर्च हॉस्टल में लिमिटेड स्टूडेंट्स कर पाते यूज, ग‌र्ल्स हॉस्टल में अधूरा सेटअप

GORAKHPUR: स्टूडेंट्स को हर मॉडर्न सुविधा मुहैया कराने के डीडीयूजीयू एडमिनिस्ट्रेशन के दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। पूरे कैंपस को वाई-फाई ले लैस करने की योजना पूरा बजट मिल जाने के बाद भी पूरी नहीं की जा सकी है। हाल ये कि यहां के तमाम हॉस्टल के स्टूडेंट्स अब भी वाई-फाई से कोसो दूर हैं। जबकि यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा है कि सभी हॉस्टल्स में वाई-फाई के सेटअप व वायरिंग का काम पूरा हो चुका है। बस सुविधा के लिए हॉस्टलर्स को आवेदन करना है। लेकिन हॉस्टलर्स की मानें तो सिस्टम लगा भर दिए गए हैं, लेकिन इस सुविधा का लाभ यूनिवर्सिटी की तरफ से नहीं दिया जा रहा है।

दो करोड़ बजट के बाद भी सुविधा नहीं

बता दें, डीडीयूजीयू में वर्ष 2013 में आयोजित साइंस कांग्रेस कार्यक्रम के दौरान तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स से वादा किया था कि उन्हें वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके लिए सीएम ने दो करोड़ 13 लाख रुपए का बजट देने की घोषणा की थी। सीएम के वादे के बाद फ‌र्स्ट फेज में डीडीयूजीयू के दो रिसर्च हॉस्टल्स में वाई-फाई के लिए कुल एक करोड़ 6 लाख 69 हजार रुपए शासन की ओर से दिए गए। इन पैसों से वाई-फाई की सेवाएं शुरू की गईं। एक साल तक रिसर्च स्कॉलर्स ने वाई-फाई का लाभ भी लिया। लेकिन गलत इस्तेमाल के चलते इसमें भी पाबंदियां लगा दी गई हैं। अब जिसे भी सुविधा का इस्तेमाल करना है उसे ऑफिस में अप्लाई कर पासवर्ड लेना पड़ता है।

ग‌र्ल्स हॉस्टल में तो सेटअप ही अधूरा

डीडीयूजीयू हॉस्टल्स में वाई-फाई सुविधा शुरू कराने के लिए सेकेंड फेज में कुल एक करोड़ सात लाख रुपए शासन से यूनिवर्सिटी को मिले। यूनिवर्सिटी ने बजट मिलते ही रानी लक्ष्मीबाई ग‌र्ल्स हॉस्टल, विवेकानंद, संतकबीर और एनसी हॉस्टल में वाई-फाई लगवाया। लेकिन यहां लगे वाई-फाई राउटर महज शो-पीस बनकर रह गए हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि इन हॉस्टल्स के उन्हीं स्टूडेंट्स को इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा जो आवेदन करेंगे लेकिन अभी तक कोई आवेदन नहीं आया है। जबकि स्टूडेंट्स का कहना है कि अभी हॉस्टल्स में वाई-फाई सेटअप पूरी तरह लगाया ही नहीं गया है तो अप्लाई करने से भी सुविधा भला कैसे मिलगी।

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कर्मचारी भी रोकने लगते हैं काम

डीडीयूजीयू रजिस्ट्रार शत्रोहन वैश्य ने बताया कि यूनिवर्सिटी के सभी डीन, हेड ऑफ डिपार्टमेंट व वार्डेन को इस बात की सूचना दी गई है कि वे कंपनी की तरफ से लगाए जा रहे नेटवर्किग सिस्टम में सहयोग करें। क्योंकि बीते दिनों हीरापुरी कॉलोनी व कैंपस के भीतर कुछ शिक्षकों द्वारा कंपनी के कर्मचारियों काम करने से रोक दिया गया था। जबकि उन्हें यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से ऑल रेडी अप्रूवल दिया गया है।

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शत्रोहन वैश्य, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू