-बस्ती, देवीपाटन, गोरखपुर रीजन की 7 जेल के कैदियों की ड्रेस हो रही तैयार

-कैदियों की ड्रेस के लिए आया 23 हजार मीटर कपड़ा

-महिला बैरक में चल रहा सिलाई का काम

GORAKHPUR: गोरखपुर जेल में बंद महिलाएं अपनी शातिराना अदा और खूंखार रवैये के कारण पूरे जिले में जानी-जाती है, मगर अब उनकी एक और अदा के बारे में सिर्फ गोरखपुर नहीं बल्कि तीन मंडल के सात जिले के लोग जानेंगे। इस बार उनकी यह अदा कातिलाना नहीं बल्कि राहत पहुंचाने वाली है। गोरखपुर जेल में बंद महिलाएं सिलाई का काम कर रही है। जिनके सिले हुए कपड़े न सिर्फ गोरखपुर जेल के कैदी पहनेंगे बल्कि अन्य सात जेलों में बंद कैदियों के लिए भी भेजा जाएगा।

कुर्ता-पायजामा के लिए आया ख्फ् हजार मीटर कपड़ा

गोरखपुर जेल में न सिर्फ अपराधियों को सजा के लिए बंद किया गया है बल्कि उनके व्यवहार को सुधारने के लिए अनेक योजनाएं भी चलाई जा रही है। इसी के तहत गोरखपुर जेल में बंद महिलाओं के लिए सिलाई मशीन आई है, जिसकी ट्रेनिंग देने के बाद जेल में बंद महिलाएं कैदियों की ड्रेस सिल रही हैं। एक कैदी को साल में दो हाफ कुर्ता, फ् पायजामा, एक बड़ा कुर्ता और ख् नेकर दी जाती है। गोरखपुर जेल में करीब एक हजार से अधिक लोग बंद हैं। जेल में महिलाएं सिर्फ गोरखपुर नहीं बल्कि देवीपाटन और बस्ती मंडल के जिलों की जेल में बंद कैदियों के लिए भी ड्रेस तैयार कर रहीं हैं। गोरखपुर जेल में तैयार कपड़ा देवरिया, महराजगंज, गोण्डा, बस्ती, सिद्धार्थनगर और बहराइच जेल भेजा जाएगा। कैदियों की ड्रेस के लिए गोरखपुर जेल में करीब ख्फ् हजार मीटर कपड़ा लखनऊ से आया है।

गोरखपुर जेल की महिला बैरक में सिलाई का काम चल रहा है। सभी महिलाएं कैदियों की ड्रेस तैयार कर रही हैं, जिसका कपड़ा लखनऊ से आया है। तैयार ड्रेस गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, गोण्डा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, बहराइच जेल में भेजा जाएगा।

एसके शर्मा, सीनियर सुपरिटेंडेंट जेल