- भीषण गर्मी में पक्षु-पक्षियों का ख्याल भी रख रहे गोरखपुराइट्स

- घर के बाहर मिट्टी के बर्तनों में रखते हैं खाना और पानी

GORAKHPUR: चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी से बचने के इंतजाम में तो हर कोई ही लगा है। लेकिन कुछ बेजुबानों को गर्मी से बचाने की फुर्सत किसी को नहीं है। सरकारी दफ्तरों से लेकर लोगों के घरों की बात की जाए तो ज्यादातर जगहों पर कहीं भी इस तरह पानी नहीं रखा जाता कि गर्मी से बेहाल पक्षु-पक्षी अपनी प्यास बुझा सकें। हालांकि अपने शहर में भी कुछ लोग हैं जिन्हें इन बेजुबानों की चिंता है। इन अवेयर गोरखपुराइट्स ने अपने घरों और आसपास ऐसे इंतजाम कर रखे हैं जिससे गर्मी में पानी के लिए भटकते इन मासूमों की प्यास बुझाई जा सके।

छोटे कदम से बुझेगी बेजुबानों की प्यास

शहर के शास्त्रीपुरम कॉलोनी की रहने वाली शालिनी श्रीवास्तव को पक्षु-पक्षियों से विशेष लगाव है। वे कहती हैं कि हम सभी अपनी जरूरतों के बारे में तो खूब सोचते हैं लेकिन इन बेजुबानों की कोई सोचता तक नहीं। शालिनी कहती हैं कि गर्मी के दिनों में हम अपने छोटे से एफर्ट से पक्षु-पक्षियों के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। वे कहती हैं कि तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण शहर में जलस्त्रोत घट गए हैं। ऐसे में गर्मियों में लोगों के छोटे और सामान्य कदम से सैकड़ों पक्षु-पक्षियों की जान बच सकती है। इसके लिए सिर्फ एक कटोरी या बर्तन में पीने लायक पानी अपनी बालकनी, छत, बरामदा, खिड़की, गार्डन, उद्यान या सड़क के किनारे रखना है। शालिनी ने भी अपने घर के बाहर मिट्टी के बर्तन रखे हुए हैं। जिनमें वे रोजाना सुबह ही पानी भर देती हैं, ताकि प्यास स भटकते पक्षु-पक्षियों को पीने का पानी नसीब हो जाए।

हमारी भी है कुछ जिम्मेदारी

वहीं, पेशे से ट्रांसपोर्टर पादरी बाजार के रहने वाले आरपी सिंह भी इस मामले में काफी अवेयर हैं। वे कहते हैं कि गर्मी में इंसान तो अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था कर लेगा, लेकिन पशु-पक्षियों तो ऐसा कर नहीं सकते। ऐसे में ये हमारी जिम्मेदारी बनती है कि इन बेजुबानों का भी ख्याल करें। आरपी सिंह ने अपने घर के बाहर मिट्टी के बर्तनों में अनाज और पानी का इंतजाम कर रखा है ताकि गर्मी में भटकते पक्षु-प्क्षियों की मदद हो सके। वे कहते हैं कि हमारे इस छोटे से कदम से सैकड़ों पशु-पक्षियों की जान बच सकती है। इसके लिए सभी को आगे आने की जरूरत है।

बजुबानों के बारे में भी सोचें

गोरखनाथ निवासी बिजनेसमैन विक्रम आनंद तो पक्षु-पक्षियों की मदद करने को सामाजिक जिम्मेदारी मानते हैं। विक्रम के साथ ही उनके फैमिली मेंबर्स भी बराबर इस बात का ख्याल रखते हैं कि घर के बाहर या छत पर पक्षु-पक्षियों के लिए बराबर पानी का इंतजाम रहे। विक्रम कहते हैं कि छत या घर के बाहर एक जल पात्र टांगकर रख देने से पक्षियों को इस गर्मी में पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। इसके लिए कुछ खास करने की भी जरूरत नहीं है। सामान्य तौर पर यह हर कोई कर सकता है, लेकिन अधिकांश लोग इसकी जरूरत नहीं समझते। इससे सैकड़ों पक्षियों की जान चली जाती है।

बॉक्स

पानी के लिए भटकते हैं पशु-पक्षी

हम इंसान तो अपने पीने के पानी की व्यवस्था कहीं न कहीं से कर लेते हैं। लेकिन पशु-पक्षियों को पीने के पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। इसलिए सभी लोगों को अपने-अपने घरों में पक्षियों के लिए जल पात्र टांगना चाहिए। बता दें, गर्मियों में हर साल सैकड़ों पक्षी और छुट्टा पशु पानी की कमी से मर जाते हैं। कुछ स्वंयसेवी संस्थाएं और संगठन भी लगातार अपील करते हैं कि पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए घर के आगे बर्तनों में साफ पानी रखें।

कोट्स

गर्मी में इंसान तो अपनी प्यास बुझाने के लिए पानी की व्यवस्था कर लेगा, लेकिन पशु-पक्षियों को इसके लिए भटकना पड़ता है। हमारे इस छोटे से कदम से सैकड़ों पशु-पक्षियों की जान बच सकती है।

- आरपी सिंह, ट्रांसपोर्टर

छत या घर के बाहर एक जल पात्र टांग कर रख देने से पक्षियों को इस गर्मी में पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। यह हर कोई कर सकता है, लेकिन अधिकांश लोग इसकी जरूरत नहीं समझते। इससे सैकड़ों पक्षियों की जान चली जाती है।

- विक्रम आनंद, बिजनेसमैन

तेजी से बढ़ते शहरीकरण के कारण शहर में जलस्त्रोत घट गए हैं। ऐसे में गर्मियों में लोगों के छोटे और सामान्य कदम से सैकड़ों पक्षु-पक्षियों की जान बच सकती है। इसके लिए सिर्फ एक कटोरी या बर्तन में पीने लायक पानी अपनी बालकनी, छत, बरामदा, खिड़की, गार्डन, उद्यान या सड़क के किनारे रखना है।

- शालिनी श्रीवास्तव, हाउस वाइफ