- गोरखपुराइट्स में बढ़ती जा रहीं यातायात नियम तोड़ने की आदत

- सिर्फ पिछले साल ही वसूला गया एक करोड़ से ज्यादा का जुर्माना

- ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ के अवेयरनेस प्रोग्राम्स का नहीं पड़ रहा असर

GORAKHPUR: कुछ भी हो जाए लेकिन गोरखपुराइट्स ट्रैफिक रूल्स नहीं मान सकते। ये हम नहीं बल्कि तमाम अवेयरनेस प्रोग्राम्स के बावजूद सिटी में बढ़ते यातायात नियम उल्लंघन के केसेज का आंकड़ा बयां कर रहा है। शहर में ट्रैफिक नियमों के अनुपालन को लेकर पुलिस और आरटीओ के जतन पर पानी फिर जा रहा है। जागरुकता अभियान को धता बताकर लोग धड़ाधड़ धज्जियां उड़ा रहे हैं। नियम-कानून तोड़ने वाले राहगीरों को जुर्माना रास आ रहा है। ट्रैफिक पुलिस की सख्ती पर अपराध की कीमत चुकाकर लोग फर्राटा भर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए हर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। अभियान को जारी रखते हुए कार्रवाई तेज की जाएगी।

दिनभर अभियान, फिर भी बेअसर विभाग

शहर में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए विभिन्न प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन शहर में ये सभी अभियान बेसअर नजर आ रहे हैं। ऐसा हम नहीं कर रहे बल्कि ट्रैफिक विभाग की कार्रवाई के आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। ट्रैफिक जागरुकता अभियान के साथ-साथ नियमों के पालन के लिए होने वाली कार्रवाई का असर भी लोगों पर नहीं पड़ रहा। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि चेकिंग के दौरान जुर्माना देने से लोगों को कोई परहेज नहीं है। चेकिंग के समय लोग पहले तो बच निकलने का जुगाड़ लगाते हैं। फिर चालान कटने पर शमन शुल्क भी आसानी से जमा करा देते हैं। इससे ट्रैफिक पुलिस का राजस्व बढ़ता जा रहा है।

एक साल में ही आए एक करोड़ 15 लाख

ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से एक साल के भीतर ही ट्रैफिक पुलिस ने एक करोड़ 15 लाख 74 हजार रुपए का शमन शुल्क वसूला है। जनवरी 2017 से लेकर दिसंबर के बीच हुई कमाई से गदगद विभाग ने अभियान को तेज कर दिया है। जनवरी माह में करीब आठ लाख रुपए का राजस्व जुटाया गया था। जबकि फरवरी माह में चुनाव आचार संहिता और वीआईपी प्रोग्राम की व्यस्तता के बावजूद ट्रैफिक पुलिस ने सात लाख 90 हजार रुपए की कमाई कर डाली। ट्रैफिक पुलिस से जुड़े लोगों का कहना है कि नियम तोड़ने वाले हर व्यक्ति से जुर्माना वसूल किया जा रहा है ताकि लोग इसी बहाने कायदे-कानून का पालन करें। लेकिन इसका उलट लोग जुर्माना जमा कराने में अपनी शान समझ रहे हैं।

पिछले पांच साल में इतना जुर्माना

वर्ष चालान जुर्माना

2017 50563 11574430

2016 44824 990944

2015 38071 7048370

2014 39571 6495730

2013 27177 3619150

इस साल हुई कार्रवाई

माह चालान जुर्माना

फरवरी 2940 790650

जनवरी 3429 792450

इन नियमों के उल्लंघन पर लगता जुर्माना

- बाइक चलाते समय हेलमेट न पहनना

- वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना

- बिना सीट बेल्ट बांधे ड्राइविंग करना

- नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करना

- सवारी वाहनों में ओवरलोडिंग

- बिना पेपर के वाहन लेकर चलने पर

- तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने, अन्य नियमों का उल्लंघन करने का आरोप

वर्जन

शहर में ट्रैफिक नियमों के पालन को लेकर जागरुकता अभियान चलाए जाते हैं। चेकिंग के दौरान लोगों से नियमों का पालन करने का अनुरोध किया जाता है। लेकिन तमाम ऐसे लोग नियमों का पालन करने के बजाय जुर्माना देने में अपनी शान समझ रहे हैं। वाहन चेकिंग काअभियान आगे भी जारी रहेगा।

- आदित्य प्रकाश वर्मा, एसपी ट्रैफिक