- बचपन में साइकिल से डरते थे शाहपुर निवासी गिरीश राज त्रिपाठी, अब रोज करते हैं साइक्लिंग

- 29 जनवरी को होने वाले बाइकॉथन के लिए कर रहे हैं विशेष तैयारी, साथियों संग करेंगे पार्टिसपेट

GORAKHPUR: मॉडर्न एरा की भागमभाग वाली जिंदगी में साइक्लिंग से बेहतर कोई विकल्प नहीं। यह सेहत को तो दुरुस्त रखती ही है, यह हमें लाइफ का सबसे बड़ा मैसेज भी देती है। साइकिल ऐसी चीज है जो जिंदगी में बैलेंस बनाकर आगे बढ़ने का हुनर सिखाती है। हरदम फिट रहने के लिए इससे बेहतर कोई उपाय नहीं है। मेरी भी जिदंगी में काफी उतार चढ़ाव आए। लेकिन साइकिल चलाते हुए मैंने रोजमर्रा की जिदंगी में बैलेंस बनाना सीख लिया। यह कहना है शाहपुर निवासी गिरीश राज त्रिपाठी का जो रोजाना कम से कम दो घंटे साइकिल चलाते हैं। उनकी फिटनेस के पीछे साइकिल का बड़ा योगदान है।

साइकिल ने बदली तस्वीर

देवरिया में वकालत की प्रैक्टि्स छोड़कर एक फर्म की नौकरी करते हुए स्कूल प्रबंधन से जुड़े गिरीश राज बचपन में साइकिल से बहुत डरते थे। उन्होंने जब साइकिल चलाना सीखा तो परिवार के लोगों के मन में उनके प्रति डर बैठ गया। गार्जियन इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे थे कि वह सड़कों पर रफ्तार से साइकिल चला सकेंगे। एलएलबी की पढ़ाई करके उन्होंने वकालत शुरू कर दी। इस दौरान तमाम ऐसे उतार-चढ़ाव आए जिनकी वजह से कॅरियर का रास्ता चुनना मुश्किल हो गया। ऐसी दशा में साइकिल ने उनको राह सुझाई। परिस्थितियों से तालमेल बिठाकर दुनिया की भीड़ में कामयाबी का नुस्खा बताया। हर उबड़-खाबड़ रास्ते पर जिस तरह से साइकिल चलती रहती है, उसी तरह का बैलेंस बनाकर जिदंगी की कठिनाइयों से पार पाया जा सकता है।

दूसरों को भी करते हैं जागरूक

गिरीश राज साइकिल चलाने के लिए जरूर समय निकाल लेते हैं। वह रोज सुबह कम से कम दो घंटे साइक्लिंग को देते हैं। साइकिल चलाने की वजह से उनकी फिटनेस बनी हुई है। दिनभर ऊर्जावान बने रहने में साइकिल काफी मददगार साबित होती है। गिरीश कहते हैं जिस दिन वह किसी वजह से साइकिल नहीं चला पाते हैं, उस दिन वह खुद को असहज महसूस करते हैं। इसलिए उनकी कोशिश रहती है कि अपने साथ-साथ वह परिवार के हर सदस्य को साइकिल चलाने के लिए उत्साहित कर सकें।

वर्जन

भागदौड़ भरी जिंदगी में सेहत दुरुस्त रखने के लिए साइक्लिंग सबसे आसान तरीका है। रोजाना साइकिल के लिए कुछ समय निकालकर तमाम बीमारियों से बचा जा सकता है। बाइक से स्कूल जाने वाले स्टूडेंट्स को अपनी फिटनेस के लिए रोजाना साइकिल से कॉलेज जाना चाहिए।

गिरीश राज त्रिपाठी, प्रबंधक