सिटी में रूकरूक कर मिल रही सप्लाई परेशान लोग

-शिकायत के बाद भी नहीं सुनते अफसर

-नाले से सटे पाइप से होकर घरों में जा रहा गंदा पानी

GORAKHPUR: सिटी के सटे इलाके आज भी पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। शुद्ध पानी मिलने की आस 2013 में पूरी हुई लेकिन साल बीतने के बाद आज भी पाइपलाइन से पानी का रिसाव हो रहा है लेकिन जिम्मेदार जलकल विभाग इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। आलम यह है कि नाले से सट कर ही लाइन घरों में गई हैं। लिकेज होने के चलते गंदा पानी पाइप से होकर घरों में जा रहा है। वहीं कई जगहों पर बराबर सप्लाई नहीं आ रही है तो कई जगहों पर बराबर पानी गिरता रहता है। इस संबंध में शिकायत के बाद भी अफसर इस तरफ ध्यान नहीं देते हैं।

जल निगम की तरफ से कई इलाकों

में अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम फॉर स्कीम एंड मीडियम टाउंस (यूआईडीएसएसएमटी) के तहत शहर के कई इलाके में पाइपलाइन बिछाई गई थीं। जिसके बाद नगर निगम ने पानी सप्लाई शुरू करने का दावा किया था लेकिन आज तक सप्लाई नहीं शुरू हो पाई। जिन एरियाज में सप्लाई पहले से दी जा रही है। वहां भी काफी दिक्कत आ गई हैं। पब्लिक की समस्या को दूर करने के लिए पहले भी आला अफसरों ने पाइप लाइन की मरम्मत कराने के लिए आदेश दिए थे। लिहाजा काफी एरियाज में पाइप लाइन की मरम्मत तो कराई गई लेकिन आज भी नौसढ़, महुईसुधरपुर, मिर्जापुर, मियां बाजार आदि बंधे से सटे एरियाज में सप्लाई का पानी रूकरूक कर आता जाता है। जिसकी वजह से लोगों को इस परेशानी से दो चार होना पड़ता है।

सप्लाई न मिलने पर हैंडपंप का सहारा

नौसड़, रसूलपुर, माधोपुर, बसंतपुर, पुर्दिलपुर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस नगर, चक्सा हुसैन, महुईसुधरपुर, शेषपुर आदि एरियाज में कभी-कभी सप्लाई न मिलने पर लोग हैंडपंप पर ही निर्भर रहते हैं। हालांकि शहर की हालत यह है कि इंडिया मार्का हैंडपंप खराब हो चुके हैं। लोगों ने अपने घरों के अंदर नल लगवा रखा है। एरिया में रहने वाले रिटायर्ड अनिल मिश्रा का कहना है कि गंदे पानी के कारण बच्चों को हमेशा पेट दर्द बना रहता है। बड़ों के दांत काले होने लगे हैं लेकिन मजबूरी में यह पानी पीने को मजबूर हैं। कईयों को तो बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है।

जनसंख्या करीब -20 हजार

पानी का कनेक्शन --12 हजार

इंडियामार्का हैंडपंप-200

खराब--120

कोट-

निगम पानी की सप्लाई करता है लेकिन कभी-कभी सप्लाई नहीं आने पर इंडिया मार्का हैंडपंप पर ही निर्भर रहना पड़ता है। हैंडपंप का पानी पीने योग्य नही रहता है लेकिन मजबूरी है।

सुजीत कुमार, प्रोफेशनल

गंदे पानी के कारण बरसात में डायरिया का प्रकोप बढ़ जाता है। कई बार पार्षद ओर नगर निगम अधिकारियों को कहा गया लेकिन केवल आश्वासन देते हैं।

रमेश गुप्ता, प्रोफेशनल

वर्जन-

जलकल उपभोक्ता यदि पानी सप्लाई का कनेक्शन लिए हैं तो मेन लाइन से घर तक पाइप लाइन की मरम्मत का कार्य कराने की जिम्मेदारी उनकी खुद की है। इसकी मरम्मत जलकल नहीं करती है। अगर मेन लाइन फट जाता है तो जल निगम ठीक कराती है।

पीके गुप्ता, महाप्रबंधक जलकल