प्लेस- साहबगंज मंडी
टाइम- 1.45 बजे दोपहर
रिपोर्टर- भाई साहब, पटाखा मिलेगा।
शॉपकीपर - कितना चाहिए?
रिपोर्टर- तीन-चार पीस चाहिए।
शॉपकीपर- यहां होलसेल की शॉप है, एक डिब्बे से कम नहीं मिलेगा
रिपोर्टर- सुतली बम का एक डिब्बा दे दीजिए।
शॉपकीपर- 80 रुपए का डिब्बा है।
रिपोर्टर- आपकी दुकान तो पटाखे की नहीं है
शॉपकीपर- इससे आपको क्या लेना-देना?
प्लेस- रेती रोड
टाइम- 1.35 बजे दोपहर
रिपोर्टर- क्या पटाखे मिल सकते है?
शॉपकीपर- दुकान में बेचना है या खुद यूज करना है?
रिपोर्टर- नहीं, मुझे त्योहार में पटाखे यूज करने है।
शॉपकीपर- पटाखे खरीद लें, लेकिन किसी को बताना मत।
रिपोर्टर- क्यों, क्या पटाखा बेचना मना है?
शॉपकीपर- खुले में बेचने के लिए प्रशासन की रोक है।
इस संदर्भ में बुधवार को कारोबारियों के साथ मीटिंग भी की गई है। सूचना मिली है कि अवैध रूप से कुछ कारोबारी घनी आबादी में पटाखा कारोबार कर रहे हंै। उनके खिलाफ कड़ी कार्रïवाई की जाएगी।
- आर.के तिवारी, सिटी मजिस्ट्रेट