- होली में करीब आते फीका हो गया शहर का मार्केट

- रेडिमेड आइटम्स व ऑनलाइन शॉपिंग को व्यापारी बता रहे वजह

GORAKHPUR: होली की तैयारियों में जुटे रहे शहर के मार्केट को त्योहार करीब आते ही झटका लग गया। होली आते ही ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर आई ऑफर्स की बौछार ने किराना से लेकर कपड़ा मार्केट तक की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। व्यापारियों के मुताबिक मार्च की शुरुआत में जहां कपड़ों आदि की अच्छी बिक्री हो रही थी, त्योहार करीब आते ही ऑनलाइन के चलते मार्केट 30 से 40 प्रतिशत डाउन हो गया। वहीं, किराना मंडी से लेकर ड्राइफ्रूट आदि का मार्केट भी इस बार काफी फीका रहा। रविवार को शहर भर के मार्केट में कुल बिक्री 40 करोड़ की भी नहीं रही।

रेडीमेड ने सूना किया किराना मार्केट

इस बार किराना मार्केट भी काफी सूना रहा। व्यापारियों के मुताबिक होली में कई गुना बिक्री बढ़ जाती थी। लेकिन इस बार किराना से लेकर ड्राइफ्रूट तक की बिक्री 50-60 प्रतिशत कम हुई है। इसकी वजह व्यापारी रेडमीड आइटम्स को मान रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि मार्केट में गुझिया से लेकर चिप्स, पापड़ आदि लगभग सभी चीजें रेडीमेड मिल जा रही हैं। ऐसे में लोग समय के अभाव में रेडीमेड आइटम्स पर ही ज्यादा फोकस कर रहे हैं।

आसमान छूता नॉनवेज

खाने-पीने की की बात करें मटन व चिकन की मार्केट ने भारी उछाल मारा है। मटन जहां 500 से 600 रुपए किलो बिका वहीं चिकन भी 200 के रेट को पार कर गया। व्यापारी बबलू कुरैशी के मुताबिक होली को लेकर महीने भर पहले से जानवरों का स्टॉक किया जाता था। लेकिन इस बार डिमांड अधिक होने से बकरे व मुर्गे के रेट काफी बढ़ गए हैं। वहीं मार्केट में पनीर, मशरूम व सब्जियों की डिमांड भी कम नहीं रही। होली के दो दिन पहले से ही सिटी में जहां पनीर 250-300 रुपए किलो बिकता रहा, वहीं मशरूम 40-50 रुपए प्रति पैकेट रहा।

पिचकारी की रही डिमांड

वैसे व्यापारियों के मुताबिक इस बार रंगों व पिचकारी की मार्केट ने व्यापारियों को काफी राहत दी है। व्यापारियों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस बार रंग व पिचकारी की मार्केट में 60-70 प्रतिशत की अधिक खरीदारी हुई है। इसमें सबसे अधिक डिमांड मोदी पिचकारी सहित डोरीमॉन, छोटा भीम, टॉम एंड जेरी आदि की रही। रंग व पिचकारी के व्यापारी लाल बाबू के मुताबिक सेफ होने की वजह से इस बार हर्बल रंग भी खूब बिक रहे हैं।

कितनी हुई खरीदारी

सामान 2017

किराना 4 करोड़

ड्राइफ्रूट 3 करोड़

कपड़ा 8 करोड़

रंग 1 करोड़

पिचकारी ़ 5 करोड़

चिकन-मटन 20 करोड़

पनीर-मशरूम 8 करोड़

सब्जी 4 करोड़

टोटल 60 करोड़

नोट: मार्केट में बिक्री के यह आंकड़े अनुमानित हैं।

कॉलिंग

ऑनलाइन के चलते पिछले साल की तुलना में इस बार मार्केट फीकी हो गई। वहीं, किराना मार्केट में 50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। इसकी वजह महंगाई व रेडीमेड आइटम हो सकते हैं।

- सीताराम जायसवाल, व्यापारी नेता

इस बार किराना से लेकर ड्राइफ्रूट तक सभी चीजों का मार्केट सूना रहा है। इसके चलते व्यापारियों का माल काफी डंप होगा।

- नितिन जायसवाल, व्यापारी नेता