जीतने के बाद नहीं पूछते कैंडिडेट

चरगावां एरिया में बने पोलिंग सेंटर जनता इंटर कॉलेज पर 7 बूथ बने थे। यहां पर 67 लोगों ने एक साथ फॉर्म 14 भरकर राइट टू नॉट टू वोट का यूज किया। यह लोग चरगावां और राप्तीनगर एरिया के रहने वाले थे। इन लोगों का कहना था कि जब भी इलेक्शन आते हैं तो कैंडिडेट्स वोट मांगने के लिए घर तक आ जाते हैं, लेकिन जीतने के बाद वह 5 साल तक पब्लिक को पूछते भी नहीं। इस राइट का यूज करने वाले बुद्धिराम ने बताया कि पिछले 5 साल में उनकी कॉलोनी में डेवलपमेंट का कोई काम नहीं हुआ। यही रीजन देकर अन्य लोगों ने भी किसी कैंडिडेट को वोट नहीं दिया.


सिटिंग एमएलए के पोलिंग बूथ से भी बगावत

गोरखपुर शहर के सिटिंग एमएलए डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल की उम्मीदवारी के खिलाफ उनके उस बूथ से खिलाफत हुई जहां वो खुद अपना वोट डालते हैं। पैडलेगंज निवासी श्रीप्रकाश मल्ल ने दाउदपुर स्थित जनता भारती जूनियर हाईस्कूल के पोलिंग सेंटर पर राइट टू नॉट टू वोट का यूज किया। उन्होंने इसके पीछे जो रीजन दिया वह कुछ इस प्रकार है 'कोई प्रत्याशी ऐसा नहीं है जिसे हम अपना वोट दें। सब जीतने के बाद जनता या शहर का विकास कम और अपने विकास पर ज्यादा ध्यान देता है'.


ग्रामीण एरिया से 26 ने भरा फॉर्म 14

गोरखपुर ग्रामीण के भौवापार एरिया के बूथ नंबर 246 में भी भारी संख्या में लोगों ने फार्म 14 का यूज किया। इस बूथ पर 26 लोगों ने इस फॉर्म पर साइन करके यह क्लियर कर दिया कि कोई भी कैंडिडेट उनकी एक्सपेक्टेशन्स के अकॉर्डिंग नहीं है। इन लोगों का कहना था कि वोट वेस्ट करने से अच्छा है कि सभी को नकार दिया जाए.