एमडीए वीसी को दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश, प्रति सप्ताह देनी होगी रिपोर्ट

समीक्षा के दौरान निकला कि महज 1 प्रतिशत अवैध निर्माणों पर ही हुई है कार्रवाई

Meerut। अवैध निर्माण पर मेरठ विकास प्राधिकरण की कार्रवाई से शासन संतुष्ट नहीं है। आवास एवं शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने एमडीए समेत सूबे के सभी प्राधिकरणों को अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

99 प्रतिशत अवैध निर्माण को अभयदान

शासन की तफ्तीश में निकलकर आया कि सूबे के प्राधिकरणों में चिह्नित अवैध निर्माणों में से करीब 1.04 प्रतिशत अवैध निर्माणों के खिलाफ ही सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा सकी है। मेरठ विकास प्राधिकरण में भी चिह्नित अवैध निर्माणों पर कार्रवाई की प्रक्रिया बेहद धीमी गति से चल रही है। प्रमुख सचिव ने प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए एमडीए समेत सभी प्राधिकरणों को निर्देश दिए कि वे अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के न सिर्फ तेजी लाएं बल्कि विभाग को सप्ताहवार प्रगति रिपोर्ट की जानकारी भी दें। इस संबंध में आवास एवं शहरी विकास विभाग ने संबंधित जनपद के जिलाधिकारी को भी पुलिसबल मुहैया कराने और प्रशासनिक अधिकारी की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

अवैध निर्माणों की है भरमार

गौरतलब है कि मेरठ में अवैध निर्माणों की भरमार है। सभी चारों जोनों में 143 अवैध कॉलोनियां और ग्रुप हाउसिंग हैं, जबकि हर गली-मोहल्ले में अवैध आवासीय और कॉमर्शियल कांप्लेक्स बने हुए हैं। सूबे में योगी की सरकार बनने के बाद से अवैध कॉलोनियों, गु्रप हाउसिंग और कॉमर्शियल कांप्लेक्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न होने पर सरकार ने प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों को जमकर आड़े हाथों लिया है।

अवैध कब्जा हटाने में भी फिसड्डी

प्राधिकरणों की 764.83 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जा है। अतिक्रमणकारियों से जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़े निर्देश दिए हैं तो वही एंटी भू-माफिया पोर्टल पर नियमित मॉनीटरिंग हो रही है। बाद इसके 51.70 प्रतिशत जमीन, करीब 400 हेक्टेयर भूमि को ही अतिक्रमणकारियों के चंगुल से छुड़ाया जा सका है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने प्राधिकरण उपाध्यक्षों को इस संबंध जारी करते हुए कहा कि बची हुई जमीन को अतिक्रमणकारियों के कब्जे से मुक्त कराएं। संबंधित जनपद के डीएम और एसएसपी को विभाग ने कार्रवाई में स्थानीय स्तर पर भागेदारी और समीक्षा के निर्देश भी दिए हैं।

अवैध निर्माण पर कार्रवाई और अतिक्रमणकारियों के कब्जे से जमीन को मुक्त कराने के संबंध में शासन बेहद गंभीर है। सभी जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे चिह्नित अवैध निर्माणों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें तो वहीं अतिक्रमणकारियों के कब्जे से प्राधिकरण की जमीन को मुक्त कराया जाएगा।

साहब सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए