-आई नेक्स्ट ने किया था भर्तियों में फिक्सिंग का खुलासा

-राजभवन ने एक हफ्ते में मांगी आख्या

LUCKNOW: आई नेक्स्ट की खबर का संज्ञान लेते हुए राज्यपाल राम नाईक ने केजीएमयू वीसी से जवाब मांगा है। राजभवन से जारी पत्र में कहा गया है कि आई नेक्स्ट में 'केजीएमयू में जॉब फिक्सिंग' शीर्षक से प्रकाशित खबर के संबंध में एक हफ्ते में आख्या पेश करें।

आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

आई नेक्स्ट ने 29 जून के अंक में खबर प्रकाशित कर खुलासा किया था कैसे केजीएमयू में रेजीडेंट डॉक्टर्स की भर्ती में गड़बड़ की जाती है। आई नेक्स्ट के पास पूरे खेल की वीडियो रिकार्डिग भी है, जिसमें केजीएमयू के वीसी प्रो। रविकांत, डेंटल के डीन प्रो। एपी टिक्कू, सीएमएस डॉ। एससी तिवारी, प्रो। विनीत शर्मा, प्रो। जया व अन्य के साथ मिलकर एक कंडीडेट के सेलेक्शन पर चर्चा कर रहे हैं। इसमें एक प्रोफेसर वीसी से शिकायत कर रहे हैं कि सेलेक्शन में जो टॉप पर था उसे ही ज्वाइनिंग लेटर नहीं भेजा गया। वीडियो में अधिकारी साफ तौर पर चर्चा कर रहे हैं कि सेलेक्शन में तत्कालीन रजिस्ट्रार के कैंडीडेट का सेलेक्शन रह गया है और उसे हर हाल में ज्वाइन कराया है।

खुलासे से मची थी खलबली

खुलासे के बाद वीसी प्रो। रविकांत ने आदेश दिए थे कि भविष्य में नान पीजी जेआर के सभी भर्तियों में इंटरव्यू के साथ लिखित परीक्षा भी होगी। केजीएमयू प्रशासन ने इसी सत्र से जुलाई के अंत में हुई भर्तियों में लिखित परीक्षा की तैयारी कर ली थी लेकिन ऐन मौके पर लिखित परीक्षा कैंसिल कर दी। इस पर सवाल उठाए तो केजीएमयू प्रशासन ने कहा कि मामले को केजीएमयू की कार्य परिषद से पास नहीं कराया गया था और कुछ ईसी मेंबर्स ने प्रश्न उठाए थे। जिसके कारण अब ईसी से पास कराकर इसे अगले वर्ष से लागू किया जाएगा।

बता दें कि केजीएमयू के डेंटल में नान पीजी जेआर की भर्तियों के मामले में पहले भी उंगलियां उठती रही हैं। पूर्व डीन ने भी पूर्व वीसी के समय ही मामला उठाया था और राजभवन में भी शिकायत की थी।

बड़े पैमाने पर होती है फिक्सिंग

दरअसल किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में डेंटल में नान पीजी रेजीडेंट पदों पर भर्तियों को लेकर मारामारी है। एक एक सीट के लिए दो से तीन दर्जन दावेदार होते हैं। एक से लेकर तीन साल तक होने वाली भर्तियों के लिए केजीएमयू के प्रोफेसर अपने चहेतों के लिए सीट पहले से ही रिजर्व कर लेते हैं। असल में इस एक्सपीरियंस का फायदा है कि फैकल्टी के सेलेक्शन के दौरान ये एक्सपीरियंस काउंट होता है और प्रमोशन मिलता है।