केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने सोमवार को इस बाबत एक बयान जारी कर यह जानकारी दी. ऐसे एफडीआइ प्रस्ताव जिनमें स्वीकृति जरूरी है, उनकी मंजूरी विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) देता है. जिन प्रस्तावों में निवेश का आकार 3,000 करोड़ रुपये से अधिक होता है, उन्हें आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति मंजूरी देती है.
एफआइपीबी ने 30 अप्रैल की बैठक में फार्मा कंपनी ला रेनॉन हेल्थकेयर के 100 करोड़ रुपये की नई परियोजना संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी. आर्थिक मामलों के सचिव की अध्यक्षता वाली अंतर-मंत्रालयी समिति ने ब्लू डार्ट एक्सप्रेस के ब्लू डार्ट एविएशन में शेयर अधिग्रहण और हिस्सेदारी को 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दी.
क्विकजेट कार्गो एयरलाइंस के कंपनी में विदेशी हिस्सेदारी को 62.34 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसद करने का प्रस्ताव भी अनुमोदित किया गया. इससे 14.40 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश आएगा. फॉरएवर लिविंग इंपोर्ट्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के 18.30 करोड़ रुपये केप्रस्ताव को भी मंजूरी मिली. कंपनी ने फॉरएवर उत्पादों की सिंगल ब्रांड रिटेलिंग शुरू करने का प्रस्ताव किया है.
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