- झाड़ फूक करने वालों के खिलाफ सरकार का अभियान शुरू

- रोजा सिकंदराबाद की प्रसिद्ध मजार पर डॉक्टरों ने किया काउंसिलिंग

PRAYAGRAJ: सरकार का कैंप न होता तो ऐसे मरीजों को चिंहित करना भी आसान नही होता। यह सभी किसी ने किसी के चक्कर में पड़कर झाड़ फूक का शिकार हो जाते। ऐसे 13 मानसिक रोगियों को गुरुवार को रोजा सिकंदरा रोजा की प्रसिद्ध मजार पर चिंहित किया गया। इन्हें इलाज के लिए काल्विन हॉस्पिटल में बुलाया गया है। यह अभियान केंद्र सरकार के राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दुआ से दवा तक नाम से शुरू किया गया है।

भ्रांतियां जिन्न जिन्नात और काला साया

राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत टीम ने लोगों को बताया कि झाड़ फूक, जिन्न जिन्नात, भूत प्रेत व काला साया आदि समाज में फैली भ्रांतियां हैं। डॉ। इशान्या राज ने कहा कि ऐसी परेशानियों का मनौवैज्ञानिक पहलू को समझकर मरीजों का इलाज करना बेहद जरूरी है। इस दौरान कुल 200 लोगों की जांच की गई। जिनमें से तेरह पाजिटिव पाए गए। 39 मरीजों को काउंसिलिंग कर काल्विन हॉस्पिटल मं इलाज के लिए बुलाया गया है। इस दौरान शैलेष कुमार, संजय तिवारी सहित तमाम स्टाफ उपस्थित रहा। 27 दिसंबर को हिम्मतगंज की मजार पर विशेष कैंप का आयोजन किया जाएगा।