NPPA ने जारी किया नोटिस
नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉर्रिटी (NPPA) ने एक नोटिस जारी करके इन दवाओं की कीमतों को तय करने की जानकारी दी है्. इसके साथ ही सरकार के इन दवाओं को उन 400 अन्य जरूरी दवाओं के साथ अटैच कर दिया है, जिनकी कीमतों पर भारत सरकार का नियंत्रण है. हालांकि सरकार के इस फैसले से विभिन्न बीमारियों से प्रभावित लाखों मरीजों को राहत मिलने की संभावना है.

नहीं चलेगी मनमानी
आपको बताते चलें कि सरकार ने जिन 52 दवाओं की कीमत पर नियंत्रण किया है, इससे पहले इनकी कीमत मार्केट के अनुसार तय होती थी. हालांकि इन दवाओं में पेनकिलर्स और ऐंटिबॉयोटिक्स शामिल हैं. फलहाल सरकार के इस फैसले से जहां लोगों को खुशी मिली है, तो वहीं दुकानदारों और दवा कंपनियों के लिये यह बहुत बड़ा झटका है. अब यह दवा कंपनियां इन जरूरी दवाओं की कीमत एक निश्चित सीमा से ऊपर नहीं बेच सकतीं. गौरतलब है कि इंडिया ऐसा देश है, जहां पर अधिकांश जनसंख्या 100 रुपये प्रति दिन से भी कम पर अपना गुजारा करती है. अब ऐसे में इन गरीबों के साथ मेडिकल सुविधाओं को लेकर गड़बड़ी करना सरासर गलत है.

लिस्ट में कौन दवायें हैं शामिल
NPPA द्वारा जारी लिस्ट में जिन दवाओं को शामिल किया गया है, उनका इस्तेमाल आमतौर पर ऐंटिबॉयोटिक और पेनकिलर के तौर पर होता है. इसके अलावा इन दवाओं को कैंसर और त्वचा संबंधित समस्याओं के इलाज के लिये भी किया जाता है. इसके अलावा ल्यूपिन लिमिटेड, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड और मर्क लिमिटेड (यूएस की फर्म मर्क एंड कंपनी की इंडियन यूनिट) की दवायें भी इस लिस्ट में शामिल हैं. हालांकि कैडिला और ल्यूपिन ने इस मसले पर अभी तक कोई कमेंट नहीं दिया है. गौरतलब है कि यह जानकारी नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉर्रिटी (NPPA) की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

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