- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गगहा का हाल

- सर्जन व विशेषज्ञ चिकित्सकों का पद खाली

- प्रतिदिन 100 से 150 मरीज कराते हैं इलाज

GAGHA/MAJHGANWA: केंद्र व राज्य सरकार आम जनता को सस्ती व सुगम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा करती है। लेकिन जनता की सुविधा के लिए बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गगहा इस मंशा पर पानी फेरता नजर आ रहा है। स्टाफ की कमी के साथ ही यहां अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की भी भारी कमी चल रही है।

तीन डॉक्टर के भरोसे इलाज

गगहा विकास खंड के 76 ग्राम पंचायतों की ग्रामीण जनता की समुचित इलाज की व्यवस्था इस सीएचसी पर है। यहां मात्र तीन डॉक्टर आशुतोष राय, बृजेश बरनवाल, नम्रता सिंह ही तैनात हैं। इनके अलावा 36 एएनएम व 137 आशा कार्यकत्री हैं। इतने बड़े स्वास्थ्य केंद्र पर कोई स्थायी स्वीपर भी नहीं है। संविदा पर रखे गए विजय के कंधो पर साफ-सफाई की व्यवस्था है। वहीं, फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी जेपी चौहान व देवेंद्र चौबे संभालते हैं। एक वार्डब्वाय दिलिप मिश्रा की यहां तैनाती है।

सुविधा बस नाम की

मरीजों की सुविधा की बात की जाए तो यहां का हाल काफी बुरा है। अस्पताल भवन निर्माण के समय यहां ऑक्सीजन सिलेंडर, खून की जांच की व्यवस्था, महिलाओं के लिए वातानुकूलित प्रसव कक्ष युक्त भवन लगभग दो करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया था। जिसे 2013 में भवन का स्थानांतरण करने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन इस सीएचसी के भवन में सीमित स्टाफ के साथ होने लगा। जबकि वर्तमान में यहां एक सर्जन, एक बेहोशी के डॉक्टर, एक रेडियोलॉजिस्ट, एक कान, एक नाक, गला के डॉक्टर, एक स्वास के साथ ही बाल व शिशु रोग विशेषज्ञ की जरुरत है। इसके आलावा चार से पांच स्टाफ नर्स, एक्सरे मशीन, टेक्निशियन, दो एलटी सहित तमाम अन्य कर्मचारियों की भी कमी है। एक्सरे मशीन व अल्ट्रासाउंड मशीन ना होने से मरीजों को जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। वहीं, विभागीय अधिकारियों की लापरवाही व शासन की उपेक्षा के कारण इनके चलने की फिलहाल कोई ठोस पहल नहीं दिखाई पड़ रही है।

कोट्स

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार हो गया है। इसके बाद भी डॉक्टरों की तैनाती ना होना व उपकरण मुहैया ना कराना घोर लापरवाही है।

- रामाश्रय सिंह

ग्रामीण इलाकों के लोगों को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराने का दावा कोरा साबित हो रहा है। शासन व प्रशासन की उपेक्षा व उदासीनता के कारण यह अब तक संचालित नहीं हो सका।

- ओमप्रकाश शाही

गगहा विकास खंड के लोगों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए बना यह केंद्र शोपीस बनकर रह गया है।

-गिरीश शाही

वर्जन

सीएमो को लेटर दिया गया है। हर जगह कमी है। शासन स्तर से ही कुछ हो सकता है।

- डॉ। आशुतोष राय, सीएचसी प्रभारी