- स्वास्थ्य सुविधा की बेहतर के लिए खर्च किए जा रहे करोड़ों

- एनएचएम के मिशन ने किया बेहतरी का दावा

GORAKHPUR: मातृत्व शिशु जननी सुरक्षा योजना के तहत लेबर रूम की हालत बेहद ही खराब है। यहां के टेबल में जंग लग चुके हैं, वहीं स्टील टेबल होने से भी दिक्कतें हो रही हैं। इनको बदलने की कवायद शुरू की जा रही है। यह बातें एनएचएम के डायरेक्टर अमित घोष ने कही। उन्होंने बताया कि एफआरयू के तहत आने वाले जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वाथ्य केंद्र में नये संसाधन से लैस किया जाएगा। शिशु के पैदा होने के बाद प्रसूताओं से निकलने वाले ब्लड और अन्य चीजों को डिस्पोज करने और संक्रमण से बचाने की भी तैयारी की जा रही है। वहीं सभी स्वास्थ्य सुविधाओं को नि:शुल्क किया गया है।

होल ब्लड के लिए टीम गठित

कहा कि ब्लड के लिए टास्क टीम का गठन किया है। इसके अलावा ब्लड के कलेक्शन के लिए वैन चलाए जा रहे हैं। यह ब्लड कलेक्शन करने और स्टोर करने का काम करेगी। इसके लिए सभी इक्विपमेंट्स फाइनल किए जा चुके हैं। ब्लड की कमी से किसी भी प्रसूता की मौत न हो, उन्हें समय रहते बेहतर स्वास्थ्य सुविध मुहैया कराई जाए, इसके लिए सरकार कटिबद्ध है। सभी समस्याएं दूर कर ली गई है। वहीं जहां ब्लड बैंक नहीं है वहां फ‌र्स्ट रेफर यूनिट में ब्लड स्टोरेज बनाए जा रहे है।

लाने-ले जाने की होगी जिम्मेदारी

प्रसूताओं को लेबर रूम तक पहुंचाने और घर तक छोड़ने की जिम्मेदारी आशा और 102 एम्बुलेंस सेवाओं के सुपुर्द की गई है। पूरे प्रदेश के स्वास्थ्य विभागों की बैठक में निर्णय लिए गए हैं। पूरे साल के कार्यक्रमों की कार्य योजना तैयार की गई है। इस पर प्रदेश सरकार करोड़ों रुपए खर्च करने जा रही है। चिकित्सकीय सेवा को बेहतर बनाने की तैयारियां भी जोरों पर हैं। हेल्थ सिस्टम को सुधारना और अच्छी क्वालिटी देना इसका मुख्य उद्देश्य है। साथ ही स्वास्थ्य पर खर्च किए जाने वाले धन को निचले स्तर तक पहुंचाने की भी कवायद की जा रही है।

मिलेगी स्पेशयालटी की सुविधा

हाई रिस्क प्रेगनेंसी में बच्चों के जन्म के समय जान कर कौन से अस्पताल में दाखिल करना है, इसके लिए एल-1, एल-2 और एल-3 श्रेणी की व्यवस्था की गई है। गंभीर प्रसूताओं को सुपर स्पेशयालटी की व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रथम संदर्भन इकाई को बेहतर करना है। कायाकल्प योजना के तहत अव्वल हुए प्रदेश के जिला अस्पताल के जिम्मेदारों को इस माह के अंत में दिल्ली बुलाया गया है। उन्हें इस योजना के तहत पुरस्कृत किया जाएगा। इस योजना के तहत 157 जिला चिकित्सालय चुने गए थे। इसमें से अधिक अंक पाने वालों को इनाम दिया जाएगा।