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PATNA : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान डायरेक्टर को लेकर फिर विवादों में है। भ्रष्टाचार और घोटाला नहीं इस बार निदेशक के एक्सटेंशन को लेकर सरकार की कार्रवाई चर्चा में है। सफेद कोट पर लगातार काले आरोपों के दाग से सवालों में रहे डॉ एन आर विश्वास इसी वर्ष अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे थे लेकिन सरकार ने उन्हें रोकने के लिए आईजीआईएमएस के एक्ट को ही बदलने की तैयारी कर रही है। नियुक्ति के साथ कई घोटालों को लेकर चर्चा में रहे डॉ विश्वास के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में पीआईएल दायर है और प्रधानमंत्री तक से शिकायत की गई है।

इस एक्ट को बदल रही है सरकार

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान में निदेशक के पद पर कुल पांच साल तक का ही कार्यकाल का एक्ट है।

डायरेक्टर का पहला कार्यकाल तीन साल तक का होता है।

तीन साल पूरा करने के बाद उसे दो साल और बढ़ाया जा सकता है।

दोनों कार्यकाल को मिलाकर पांच साल काम करने का ही नियम बनाया गया है।

अब तक इसी व्यवस्था पर ही इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान चल रहा था।

सरकार बना रही है यह व्यवस्था

बिहार सरकार इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक के पद की नियुक्ति अपने हाथ में लेना चाहती है।

सरकार अपनी मंशा पूरी करने के लिए लिए विधेयक लाना चाहती है जिससे उसकी मर्जी से निदेशक की तैनाती हो सके।

सरकार आईजीआईएमएस के एक्ट में संशोंधन करके ही ऐसा बदलाव करना चाहती है।

सरकार ने इसके लिए विधेयक तैयार कर लिया है और उसे पास कराने को लेकर मंथन चल रहा है।

बहुत जल्द इस विधेयक को पास कराने के बाद 5 साल पूरा कर रहे निदेशक को फिर से एक्सटेंशन दे दिया जाएगा।

एक नजर में जान लें क्या है आरोप

विधानसभा के सदस्य अनिल सिंह, संजय प्रसाद, राणा रणधीर सिंह ने विधानसभा और विधान परिषद में आवाज उठाने के साथ आरोपों पर जांच की मांग कर चुके हैं।

हाजीपुर के सोशल वर्कर राम प्रवेश राम, पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता विपिन कुमार, संतोष कुमार, सवर्ण सेना के भागवत शर्मा सहित कई राजनीतिक पार्टियों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने भी जांच और कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।

आरजेडी के प्रवक्ता और विधानसभा सदस्य भाई वीरेंद्र ने भी आईजीआईएमएस में तरह-तरह के घोटाले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

पटना हाईकोर्ट में संस्थान से जुड़े घोटाले में मुक्तेश्वर प्रसाद सिंह द्वारा दायर पीआईएल सीड?लूजेसी 23575,2018 में सुनवाई चल रही है।

मुक्तेश्वर ने प्रधानमंत्री, राज्यपाल, सीएम, स्वास्थ्य मंत्री, सीएजी सहित सभी प्रमुख अफसरों को भी शिकायत कर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।

5 साल पूरा करते ही क्यों आया एक्ट बदलने का विचार

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के एक्ट में बदलाव की तैयारी को लेकर लोगों का कहना है कि निदेशक डॉ एन आर विश्वास का कार्यकाल 2019 में पूरा होगा और इसी दौरान सरकार ने इस पर मंथन क्यों शुरू करा दिया। संस्थान से जुड़े लोग ऐसे सवालों को लेकर सरकार की मंशा पर भी प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं। सवाल यह है कि अगर संशोधन करना था तो पहले क्यों नहीं किया गया? स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय इस मामले को लेकर क्यों इतने गंभीर हैं इसे लेकर भी सवाल खड़ा किया जा रहा है।

स्वास्थ मंत्री से सीधा सवाल

निदेशक का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय से बात की गई तो उन्होंने क्या जवाब दिया, आप भी जानिए।

रिपोर्टर - आईजीआईएमएस में डायरेक्टर की नियुक्ति को लेकर बदलाव की जरुरत क्यों पड़ी?

स्वास्थ्य मंत्री - बदलाव काम को लेकर किया जा रहा है, आप देखिए कितना काम हुआ है वहां।

रिपोर्टर - काम तो उनकी जिम्मेदारी है और इसके लिए नियम बदलना जरुरी है क्या?

स्वास्थ्य मंत्री - सरकार के हाथ में भी तो अधिकार रहना चाहिए।

रिपोर्टर - लेकिन निदेशक पर भ्रष्टाचार और घोटाले के साथ कई गंभीर आरोप है?

स्वास्थ्य मंत्री - आरोप तो सब कोई लगाते हैं लेकिन सबूत कोई नहीं देता है।

रिपोर्टर - बदलाव का एक कारण बताना हो तो आप क्या कहेंगे?

स्वास्थ्य मंत्री - काम देखिए और काम के कारण ही ऐसा बदलाव किया जा रहा है।