एक ड्राफ्ट किया था जारी

व्हाट्सएप पर सरकार की ओर से एक ड्राफ्ट जारी किया गया था जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर लोगों ने उसको निशाने पर लेना शुरू कर दिया। इसके बाद सरकार ने अपनी ओर से सफाई दी है कि अभी कोई नियम नहीं बनाए गए हैं बल्कि इस मामले में सिर्फ आम जनता यानि यूजर्स से राय मांगी गई है। सरकार ने जनता से सुझाव मांगने के लिए इंटरनेट सुरक्षा का मसौदा जारी किया है, उसमें सेवा प्रदाता के साथ यूजरों पर भी 90 दिनों तक संदेशों को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी डाली गई है, जिसकी आलोचना शुरू हो गई। कई लोगों का कहना है कि सामान्य यूजर्स तो ये जानता भी नहीं है कि इन मैसेज को सेव कैसे किया जाए ऐसे में वो बिना वजह परेशानी में पड़ सकता है।

क्या है सरकारी ड्राफ्ट

सरकार ने कहा कि आप अगली बार जब भी व्हाट्सएप मैसेज प्राप्तर करें तो उन्हें 90 दिनों से पहले ना डिलीट करें! बताया जा रहा है कि यह मैसेज आपको पुलिस को जरूरत लगने पर दिखाने भी पड़ सकते हैं। व्हाट्सएप यूजर्स अगर ये मैसेज डिलीट करते हैं तो गैरकानूनी हो सकता है। खबरों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने राष्ट्रीय इन्क्रिप्शन पॉलिसी से संबंधित एक ड्राफ्ट वेबसाइट पर डाला है। इस ड्राफ्ट के जरिए लोगों से सरकार के मिशन, रणनीति, उद्देश्यों और विनियामक ढांचे पर 16 अक्टूबर तक सुझाव मांगे हैं। इसके साथ ही इस ड्राफ्ट में ऐसी कई बातें और गाइडलाइंस मौजूद हैं जो व्हाट्सएप यूजर्स को मुश्किल में डाल सकती हैं।

तय मानकों पर ही काम करना होगा

वेबसाइट पर डाली गई नई ड्राफ्ट पॉलिसी के मुताबिक, व्यवसाय करने वाली कंपनियां और उसके यूजर्स को इन्क्रिप्शन का इस्तेसमाल भारतीय सरकार द्वारा तय किए गए मानकों के अनुसार ही करना होगा। इसके साथ ही ड्राफ्ट में यह भी है कि इनक्रिप्टेड संदेश मिलने के तीन महीनों तक यूजर्स को उसे खुद के पास सेव करके रखना होगा। इसके बाद अगर भविष्य  में कोई पुलिस या अन्यक सुरक्षा एजेंसी इन संदेशों को मांगती हैं तो उन्हें उपलब्ध कराना अनिवार्य है। मालूम हो कि इन्क्रिप्शन के जरिए से ही किसी मेल, साधारण डाटा, मैसेज को एक अलग भाषा में सेव किया जाता है।

Hindi News from India News Desk

National News inextlive from India News Desk