5 स्कूल बने स्मार्ट स्कूल, परिषद ने घोषित किया आईसीटी सेंटर

प्रदेशभर के अन्य स्कूलों को भी किया प्रोत्साहित, मांगे आवेदन

Meerut। कांवेंट स्कूलों की तर्ज पर अब सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भी बच्चों के लिए स्मार्ट क्लासेज की शुरूआत होगी। यही नहीं मेरठ के पांच स्कूलों को इस कड़ी में शामिल भी कर लिया गया है, जहां स्मार्ट क्लासेज की शुरुआत हो चुकी है। इन स्कूलों से सीख लेते हुए अन्य स्कूलों को भी शासन ने स्मार्ट स्कूल बनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

प्रोजेक्टर से हो रही पढ़ाई

स्मार्ट स्कूलों के तहत बच्चों को क्लास में प्रोजेक्टर और कंम्प्यूटर की सहायता से पढ़ाया जा रहा है। यू-ट्यूब और आकर्षक वीडियो के माध्यम से देखने-सुनने की पद्धति से बच्चों को सिखाया जा रहा है। यही नहीं कार्टून फिल्मों के द्वारा भी बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूचि पैदा की जा रही है। इसके अलावा एनसीईआरटी व एससीईआरटी द्वारा तैयार पठन सामग्री का प्रयोग कर बच्चों को जानकारी दी जाती है। मेरठ में सबसे पहले स्मार्ट क्लास का प्रयोग प्राथमिक विद्यालय फंफूड़ा में किया गया है।

ये स्कूल बने हैं स्मार्ट-स्कूल

बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी सूची के अनुसार प्रदेशभर में 1123 स्कूलों में स्मार्ट-क्लासेज या आईसीटी का प्रयोग किया जा रहा है। मेरठ के पांच स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज का प्रयोग किया जा रहा है जिसमें प्राथमिक विद्यालय- फंफूडा-1 , उच्च प्राथमिक विद्यालय-फंफूड़ा-2, उच्च प्राथमिक विद्यालय नरहेड़ा , उच्च प्राथमिक विद्यालय बेगमाबाद, उच्च प्राथमिक विद्यालय मेदपुर शामिल हैं।

स्कूलों से मंागे आवेदन

बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से स्मार्ट-क्लास संचालित करने वाले अन्य स्कूलों से भी आवेदन मांगे गए हैं। इस संदर्भ में परिषद ने सभी स्कूलों को निर्देश दिए है कि अगर किसी स्कूल में तकनीक का प्रयोग कर पठन-पाठन कराया जा रहा है तो वह अपना नाम परिषद को भेज सकता है। हालांकि स्कूलों की ओर से स्मार्ट क्लास बनाने के लिए प्रोजेक्टर के साथ लैपटॉप, कंप्यूटर, म्यूजिक सिस्टम व प्रिंटर आदि की व्यवस्था अपने प्रयासों से ही की जा रही है।

कुछ स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज का प्रयोग शुरु किया गया है। परिषद की ओर से लगातार आईसीटी की ट्रेनिंग कराई जा रही है। अन्य स्कूलों को भी इसके लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

एसके गिरि, एबीएसए, मेरठ।