सचिन घर पर बैठकर ही सॉल्व करवाता था प्रतियोगी परीक्षा के पेपर

सचिन के अरविंद राणा के गैंग से जुड़े होने के मिले हैं संकेत

Meerut। नलकूप चालक परीक्षा के पेपर आउट करने के आरोप में गिरफ्तार हुआ सरगना सचिन चौधरी 150 लोगों की पुलिस व रेलवे में नौकरी लगवा चुका है। एसटीएफ का दावा है कि इसकी आयोग के अधिकारियों से भी सेटिंग थी। इसके मोबाइल में कई लोगों के नंबर मिले हैं, सभी की जांच की जा रही है।

कुछ ही दिनों में करोड़पति

एसटीएफ सीओ ब्रिजेश कुमार के मुताबिक छानबीन में निकलकर आया है कि सचिन चौधरी मेरठ कॉलेज में पढ़ता था। इसके बाद वह प्रतियोगी परीक्षा के पेपर आउट कराने वाले बागपत के अरविंद राणा गैंग से जुड़ा गया। इसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पहले उसने अपनी सरकारी टीचर की नौकरी लगवाई। जब उसे विश्वास हो गया तो उसने अपनी पत्नी की भी शिक्षा विभाग में नौकरी लगावा दी। इसके बाद उसने अपने गांव से लोगों को भर्ती में पास कराने का ठेका लेना शुरू कर दिया। लोगों से मोटी रकम लेकर उन्हें पुलिस व रेलवे में भर्ती करवाने लगा। अब तक वह करीब 150 लोगों की पेपर आउट के जरिए पुलिस व रेलवे में नौकरी लगवा चुका है।

परीक्षा में सॉल्वर

एसटीएफ का कहना है कि वह दरोगा भर्ती की परीक्षा में भी अपने सॉल्वर बैठा चुका है। कई सॉल्वर तो पकड़े भी जा चुके हैं। जब सचिन के पास पैसे की कमी होती तो वह अपने घर पर बैठकर ही लोगों के पेपर सोल्व करवाता था।

मोबाइल में छिपे हैं राज

एसटीएफ का कहना है कि सचिन चौधरी के मोबाइल नंबर पर कई ऐसे लोगों के नंबर सेव मिले हैं, जो अधिकारी व राजनैतिक क्षेत्र से जुड़े हैं। उनके मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई जा रही है।

यह था मामला

एसटीएफ ने नलकूप चालक परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में अमरोहा में सरकारी टीचर सचिन चौधरी समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से पौने पंद्रह लाख रुपऐ समेत कई लोगों के आईकार्ड व आंसर शीट भी बरामद हुई थी। पेपर आउट होते ही आयोग ने परीक्षा रद्द कर दी थी। पुलिस ने सभी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें सदर थाने की हवालात में डाल दिया था।

पेपर आउट के मामले में गिरफ्तार हुए सचिन चौधरी के अरविंद राणा गैंग से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। इसके साथ काम करने वाले अन्य साथियों की भी तलाश की जा रही है।

ब्रिजेश कुमार, सीओ, एसटीएफ