-शासन ने साइंस के स्टूडेंट्स के लिए बनाया एप

-स्टूडेंट्स प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकेंगे

-डीआईओएस ने एप के प्रचार-प्रसार को लिखा लेटर

BAREILLY स्टूडेंट्स साइंस में रूचि लें,उन्हें सब्जेक्ट संबंधी समस्याओं के निस्तारण के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़े। ऑनलाइन उनकी प्रॉब्लम सॉल्व हो सकें, इसलिए शासन ने 'हैलो यंग साइंटिस्ट' एप बनाया है। स्टूडेंट्स इस एप को प्ले स्टोर से डाउन लोड कर सकते हैं। वहीं, विभागीय अधिकारियों का कहना है इससे स्टूडेंट्स को काफी हेल्प मिलेगी।

दिलचस्पी हो रही है कम

अक्सर देखा जाता है कि स्टूडेंट्स साइंस में उलझकर रह जाते हैं। सवालों के जवाब के लिए कोचिंग लगाते हैं। पेरेंट्स और दोस्तों की मदद लेते हैं। लेकिन, फिर भी कई बार उनकी जिज्ञासाएं शांत नहीं हो पाती हैं। इस कारण साइंस सब्जेक्ट में उनकी दिलचस्पी कम हो रही है। वहीं, स्टूडेंट्स अन्य सब्जेक्ट पर फोकस करने लगते हैं। शासन को जब इस तरह की शिकायतें मिलीं, तो उसने साइंस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद से 'हैलो यंग साइंटिस्ट' क्विज मोबाइल एप बनवाया। ताकि, स्टूडेंट्स का ज्ञान बढ़े और वे साइंस में रुचि लें।

प्ले स्टोर से कर सकते हैं डाउनलोड

स्टूडेंट्स इस एप को प्ले स्टोर पर 'हैलो यंग साइंटिस्ट क्विज' सर्च करके भी डाउनलोड कर सकते हैं। इसके साथ ही स्टूडेंट्स http:/bit.ly 2b0zUt8 का यूआरएल कॉपी करके एप को डाउनलोड किया जा सकता है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को एप चलाने के लिए अपना पूरा विवरण देना होगा। वहीं, इस एप में साइंस सब्जेक्ट के प्रश्न पूछे गए हैं। जिनके उत्तर चार विकल्प के रूप में दिए गए हैं। इनमें से एक विकल्प सही है। सबसे ज्यादा सही जवाब देने वाले स्टूडेंट्स को ऑनलाइन प्रमाण पत्र दिया जाएगा। साथ ही भविष्य में विनर्स को नकद पुरस्कार देने की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा किसी स्टूडेंट्स को कोई सवाल नहीं आ रहा है, तो वह एप की हेल्प से उसे सॉल्व कर सकता है।

डीआईओएस ने लिखा लेटर

डीआईओएस ने बताया कि इस एप से क्लास आठ से बारहवीं के स्टूडेंट्स को फायदा होगा। अधिक से अधिक स्टूडेंट्स इस एप से अवयेर हो सकें, इसलिए सभी गवर्नमेंट, एडेड और सेल्फ फाइनेंस कॉलेजेज के प्रिंसिपल को लेटर लिखा गया है कि वे इस एप का प्रचार-प्रसार करें।

स्टूडेंट्स साइंस में रूचि लें। साथ ही उनकी साइंस संबंधी समस्याएं ऑनलाइन सॉल्व हो सकें। इसलिए शासन ने एप बनाया है। जो स्टूडेंट्स के लिए काफी हेल्पफुल साबित होगा।

मुन्ने अली खां, डीआईओएस