>RANCHI: राज्य गठन के बाद से पहली बार झारखंड में स्टेबल गवर्नमेंट बनी है। इससे राज्य के लोगों की उम्मीदें भी बढ़ी हैं। सरकार भी समझ रही है कि इस बार राज्य की जनता को उससे काफी उम्मीदें हैं। रघुवर दास ने सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही राज्य के विकास का खाका खींचना शुरू कर दिया है। जनता के विश्वास पर खरा उतरने के लिए सीएम ने कई योजनाएं बनाई हैं। उसे स्मूदली एग्जीक्यूट करने को लेकर कोर टीम भी बनाई है। कोर टीम के लोग ही योजनाएं बना रहे हैं और उस पर दिन रात काम कर उसे धरातल पर उतारने की कोशिश में जुटे हुए हैं।

Profile : राज्य के मुख्य सचिव राजीव गौबा 15 सालों के बाद पहली बार अपने कैडर में वापस लौटे हैं। वो राज्य के मुख्य सचिव के रूप में काम कर रहे हैं।

Task: राज्य से संबंधित कोई भी मामला केंद्र में फंसने पर उसका सॉल्यूशन निकालना। साथ ही यह केंद्र के प्रतिनिधि के रूप में भी काम कर रहे हैं।

केंद्र प्रतिनिधि के रूप में राजीव गौबा

15 सालों में प्रतिनियुक्ति पर रहने के कारण भारत सरकार के हर विभाग से बेहतर तालमेल। राज्य से संबंधित कोई भी मसला केंद्र में फंसने पर आसानी से सॉल्यूशन करा सकते हैं। भारत सरकार में गृह, फॉरेस्ट और आईटी विभाग में भी ज्वाइंट सेक्रेट्री के रूप में काम किया है। इन्हें इंटरनेशनल अनुभव भी है। 2005 में अमेरिका में इंटरनेशनल मॉनेट्री फंड के एडवाइजर के रूप में काम कर चुके हैं। रांची आने के बाद वो ऐसे अधिकारी हैं, जो हर दिन समय पर ऑफिस में रहते हैं और देर तक काम करते रहते हैं।

Profile: बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजय कुमार सीएम के प्रिंसिपल सेक्रेट्री हैं।

Task: इनके अनुभव और सरकार के भरोसेमंद अधिकारी का ध्यान रखते हुए इन्हें हर विभाग से को-आर्डिनेट करने की जिम्मेवारी मिली है।

संजय कुमार को-आर्डिनेटर की जिम्मेदारी

इन्होंने जमशेदपुर डीसी के रूप में भी कई साल काम किया है। साथ ही बिहार में कई विभागों के सचिव भी रहे हैं। इन पर सीएम को इतना भरोसा है कि इन्हें बिहार से झारखंड बुलवाया है।

सुनील वर्णवाल को ऑक्सफोर्ड का अनुभव

Profile : सुनील वर्णवाल सीएम के सचिव के रूप में काम कर रहे हैं। इन्हें दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया गया है। यह केंद्र के आईटी विभाग में डायरेक्टर के रूप में भी काम कर रहे थे। इन्होंने धनबाद आइएसएम से बीटेक किया है।

क्या है खासियत: यह तेज तर्रार आईएएस माने जाते हैं। इन्हें टेक्निकल काम का काफी अनुभव है। इनके अनुभव का लाभ राज्य में आईटी सेक्टर को बढ़ावा देने में मिलेगा। इन्होंने राज्य के कई विभागों में सचिव के रूप में काम किया है। इन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी अमेरिका में एक साल पढ़ाई की है। सिंगापुर में भी सर्विस प्रॉसेस को सीखा है।

क्या है जिम्मेवारी: राज्य सरकार इनके अनुभव का फायदा आईटी क्षेत्र को डेवलप करने में लेना चाहती है।

अरुण सिंह बसा रहे नई राजधानी

Profile : योजना विभाग के सचिव अरुण कुमार सिंह। सीएम की कोर टीम में इनका अहम रोल है।

क्या है खासियत: वह राज्य सरकार के कई विभागों के सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। इन्होंने ओसमानिया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है।

क्या है जिम्मेवारी: इन्हें नई राजधानी बसाने की अहम जिम्मेवारी मिली है। यह इसके लिए प्लानिंग कर रहे हैं। इन्हें ग्रेटर रांची डेवलपमेंट ऑथोरिटी का प्रभार उन्हें दिया गया है। राज्य के विकास का खाका कैसे बनेगा, इसकी योजना बनाने की जिम्मेवारी भी इन्हीं को दी गई है। प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना स्किल डेवलपमेंट करने की जिम्मेवारी भी इन्हीं पर है।

जमीन अधिग्रहण का रास्ता साफ कर रहे केके सोन

क्कह्मश्रद्घद्बद्यद्ग : राज्य के युवा आईएएस अधिकारी केके सोन भी राज्य सरकार की कोर टीम के हिस्सा हैं।

क्या है खासियत: रघुवर सरकार को इस युवा अधिकारी से काफी उम्मीदें हैं।

क्या है जिम्मेवारी: जमीन नहीं मिलने के कारण क्भ् सालों में राज्य में कोई इंडस्ट्री नहीं लगी है। नई राजधानी बनाने में सबसे बड़ी बाधा जमीन का नहीं मिलना ही है। कई राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को जमीन नहीं मिला है।