PATNA : तेजाब हमला, दुष्कर्म, शारीरिक शोषण की पीडि़तों के लिए राज्य सरकार ने खजाना खोल दिया है। दुष्कर्म और तेजाब हमले के पीडि़तों को सरकार अब सात लाख रुपए तक की आर्थिक मदद देगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में कुल चार प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गई। इससे पहले दुष्कर्म और तेजाब पीडि़त को तीन लाख रुपए तक सहायता देने का प्रावधान था।

पुनर्वास राशि में की गई वृद्धि

कैबिनेट के विशेष सचिव यूएन पांडेय ने बताया कि केंद्र सरकार से मिले आदेश के बाद बिहार पीडि़त प्रतिकार स्कीम 2014 में संशोधन किया गया है। तेजाब हमला, दुष्कर्म, अल्प वयस्कों का शारीरिक शोषण, मानव व्यापार के पीडि़तों का पुनर्वास, यौन हमला जैसे मामलों में पीडि़तों को पूर्व से दी जाने वाली राशि में वृद्धि की गई है। पीडि़तों को सहायता राशि मुहैया कराने के लिए जिला स्तर पर निधि गठित की जाएगी।

चेहरा विकृत हुआ तो सात लाख

पूर्व में तेजाब हमले में चेहरा विकृत होने पर तीन लाख रुपए तक का मुआवजा देने के प्रावधान थे जिसे संशोधन में बढ़ाकर सात लाख रुपए किया गया है। यदि पीडि़त 14 वर्ष से कम आयु की है तो मुआवजा राशि में 50 फीसदी की वृद्धि की जाएगी। तेजाब हमले में किसी लड़की की आंा 80 फीसदी से ज्यादा खराब हो जाती है या वह शारीरिक रूप से विकलांग हो जाती है तो पीडि़त को एक मुश्त मुआवजे के स्थान पर महीने में एक बार नियत राशि का भुगतान किया जा सकेगा। यह राशि दस हजार रुपए प्रतिमाह से ज्यादा नहीं होगी। इस बारे में अंतिम फैसला प्रतिकार बोर्ड के स्तर पर होगा।

अल्प व्यस्क को 3 लाख मुआवजा

दुष्कर्म की शिकार पीडि़त यदि अल्प वयस्क या शारीरिक मानसिक रूप से विकलांग हो तो मुआवजे की राशि तीन लाख रुपए की बजाय सात लाख होगी। किसी अल्प वयस्क का शोषण होता है तो ऐसी स्थिति में पीडि़त को दो लाख रुपए के स्थान पर तीन लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। मानव व्यापार के पीडि़त को मुआवजे के रूप में एक लाख रुपए के बजाय दो लाख रुपए दिए जाएंगे। यदि किसी मामले में महिला पर यौन हमला (दुष्कर्म नहीं) होता है तो पीडि़त को पचास हजार के स्थान पर एक लाख रुपए तक मुआवजा दिया जा सकेगा। साथ ही मंत्रिमंडल ने स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव पर चर्चा के बाद जहानाबाद में कुष्ठ निवारण इकाई में चिकित्सा पदाधिकारी रहे डॉ। रेहान अशरफ को वित्तीय अनियमितता प्रमाणित होने के बाद सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया।