- राजधानी में आईटी सिटी सिटी की स्थापना की ओर बढ़ा कदम

- मुख्यमंत्री ने एचसीएल के पहले बैच को किया संबोधित

- आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर से बदलेंगे सूबे की तस्वीर

LUCKNOW: राजधानी में आईटी सिटी की स्थापना की ओर बुधवार को एक कदम और बढ़ा। पिछले कुछ महीनों से चक गजरिया में जहां केवल इंजीनियर और मजदूर दिखते थे, आज वहां आईटी की ट्रेनिंग हासिल कर चुके जोश से लबरेज युवाओं की चहल-पहल थी। चक गजरिया में एचसीएल के पहले बैच को मुख्यमंत्री ने संबोधित करने के साथ अपने इरादे भी साफ कर दिए कि सरकार का अगला लक्ष्य आईटी और इलेक्ट्रानिक सेक्टर में पांच साल के भीतर ख्.भ् लाख नौकरियां देने का है। कहा, अब लोग लखनऊ के साथ एचसीएल को भी ज्यादा जानेंगे।

नोएडा की जगह लेगा लखनऊ

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब आईटी सेक्टर के क्षेत्र में नोएडा की जगह लखनऊ लेगा। नोएडा का नाम बहुत है लेकिन कम लोग जानते हैं कि वह यूपी में है। अब जो काम नोएडा में हो रहा है, वह लखनऊ में भी होगा। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने कहा तो हमने आईटी सिटी के साथ यहां कैंसर हॉस्पिटल भी बनवाया। हमने कैंसर से लोगों को मरते देखा है। अब एचसीएल और कैंसर हॉस्पिटल के बीच मुकाबला है कि कौन पहले काम पूरा करता है। तरक्की का फायदा सबको मिलता है। एचसीएल के जितने ज्यादा लोग यहां आयेंगे, हिंदी और उर्दू के बीच प्यार भी बढ़ता जाएगा। लखनऊ पुराना शहर है। तहजीब, संस्कार और विरासत में इसके मुकाबले दूसरा कोई नहीं है। मुख्यमंत्री ने माना कि अभी भी बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है।

बातचीत में देखा आईटी सिटी का सपना

अखिलेश ने पहली बार बताया कि लखनऊ में आईटी सिटी बनाने का निर्णय क्यों लिया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें एयरपोर्ट पर कुछ आईटी के स्टूडेंट मिले थे। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि यूपी में आईटी एजूकेशन का ज्यादा स्कोप नहीं है, इसलिए उन्हें बेंगलुरु और चेन्नई जाना पड़ता है। जब वे खुद इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, तब भी आईटी सेक्टर की डिमांड ज्यादा थी। सरकार बनने के बाद तय किया कि लखनऊ में आईटी सिटी की स्थापना करेंगे। इस कामयाबी की वजह सरकार की सोच है। हमने आईटी पॉलिसी बनाई जो देशभर में सबसे अच्छी है। उन्होंने पूर्व मुख्य सचिव जावेद उस्मानी और वर्तमान मुख्य सचिव आलोक रंजन समेत परियोजना से जुड़े अधिकारियों को इस कामयाबी की बधाई भी दी।

एचसीएल में यूपी के लोग ज्यादा

एचसीएल के संस्थापक शिव नाडर ने कहा कि एचसीएल के पास स्टील अथॉरिटी से ज्यादा कर्मचारी हैं। कुल एक लाख चालीस हजार कर्मचारियों में से भ्ख् हजार यूपी के रहने वाले हैं। एचसीएल जहां भी जाता है, व्यापक पैमाने पर काम करता है। क्97म् में डिप्टी सीएम रामनरेश यादव से मिला तो उन्होंने नोएडा में काम शुरू करने को कहा। तब नोएडा में सिवाय राइस मिल के कुछ नहीं था। बिजली का मुकम्मल इंतजाम भी नहीं था। आज एचसीएल नोएडा में फ्ख् हजार लोग काम करते हैं। इसी तरह तामिलनाडु में मुख्यमंत्री करुणानिधि ने बुलाकर कोई छोटा प्लांट लगाने को कहा। आज चेन्नई में तीस हजार लोग एचसीएल में काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी पूछा कि आपको क्या चाहिए, तो मैंने आईटी पॉलिसी बनाने को कहा।

कामयाबी के चार कदम

- अक्टूबर तक चक गजरिया में पांच सौ स्टूडेंट्स की ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी।

- काम पूरा होने के बाद एचसीएल पांच हजार युवाओं को एक साथ ट्रेनिंग देगा

- नोएडा में आईटी, इलेक्ट्रानिक, मैन्युफैक्चरिंग का हब बनेगा

- नोएडा में तीन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लसटर्स को अनुमति, दो के इंवेस्टर भी मिले।