- डॉ मृदुला सिन्हा ने कहा, विदेशी स्टूडेंट्स में लोकप्रिय हो रही है हिंदी

- हिंदी भाषी प्रदेश में ही नहीं मिल रहा सम्मान

PATAN: हिंदी को भारत के दक्षिण भारत के गैर हिंदी प्रदेशों एवं विदेशों में उचित सम्मान मिल रहा है, लेकिन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों में ही हिंदी को हम सम्मान की नजर से नहीं देख रहे, जो हिंदी के विकास में प्रमुख बाधा है। हम सब इसे उचित सम्मान दें, तो यह ग्लोबल लैंग्वेज बन जाएगा। ग्लोबल लैंग्वेज बनते ही ग्लोबल मार्केट में हमारे लिए संभावनाओं के बाजार खुल जाएंगे। ये बातें गोवा की गवर्नर एवं हिंदी की जानी-मानी लेखिका डॉ मृदुला सिन्हा ने शनिवार को पटना कॉलेज में अपने संबोधन के दौरान कहीं। डॉ सिन्हा हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर पांचवां स्तंभ पाठक मंच की ओर से पटना कॉलेज के सेमिनार हॉल में आयोजित विश्व भाषा के रूप में हिंदी का बढ़ता प्रभाव विषय पर सेमिनार कोसंबोधित कर रही थीं।

यूएनओ की भाषा बनेगी हिंदी

उन्होंने कहा कि एक्स पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने यूएनओ में हिंदी में भाषण देकर हिंदी को वैश्रि्वक स्तर पर सम्मान दिलाया। उनकी ही परंपरा को वर्तमान पीएम नरेंद्र मोदी आगे बढ़ा रहे हैं। मोदी देश ही नहीं, विदेशों में भी हिंदी में ही अपना भाषण देते हैं, जो हिंदी के लिए गौरव की बात है। पीएम लगातार प्रयास कर रहे हैं कि हिंदी को यूएनओ की भाषा में शामिल किया जाए। हिंदी की लोकप्रियता ही है कि हजारों विदेशी स्टूडेंट्स हिंदी का एजुकेशन लेने भारत आ रहे हैं।

दिनकर की याद में हो बड़ा कार्यक्रम

प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कॉलेज के पि्रंसिपल डॉ नवल किशोर चौधरी ने कॉलेज के स्टूडेंट रहे राष्ट्रकवि दिनकर की याद में बड़ा कार्यक्रम कराने एवं हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए भारतीय भाषा केंद्र की स्थापना कराने की बात कही। गोवा के फ‌र्स्ट पर्सन एक्स कैबिनेट मिनिस्टर डॉ रामकृपाल सिन्हा को पटना कॉलेज के पूर्ववर्ती स्टूडेंट्स यूनियन की ओर से प्रिंसिपल डॉ नवल किशोर चौधरी ने मोमेंटो देकर सम्मानित किया। डॉ सिन्हा पटना कॉलेज के स्टूडेंट रह चुके हैं। डॉ रामकृपाल सिन्हा ने डॉ मृदुला सिन्हा की कई पुस्तकों का अनुवाद अंग्रेजी में किया है।

वीसी ने भी हिंदी में किया संबोधन

पीयू के वीसी डॉ वाईसी सिम्हाद्री ने प्रोग्राम को टूटी-फूटी हिंदी में संबोधित किया। अपनी हिंदी के लिए वीसी ने जमकर तालियां बटोरी। इस अवसर ह्यूमिनिटीज के डीन डॉ अमर कुमार सिंह, हिंदी डिपार्टमेंट के हेड शरदेन्दु कुमार, डॉ सतीश राज पुष्कर, पांचवा स्तंभ पाठक मंच के को-ऑर्डिनेटर डॉ ध्रुव कुमार, डॉ पद्मा लता ठाकुर, शिव नारायण, डॉ मिथिलेश कुमारी मिश्र सहित सैकडों लोग मौजूद थे।