गवर्नर राम नाईक ने प्रभु श्रीराम द्वारा सेतु निर्माण का उदाहरण देकर सोलर ग्रिड का महत्व समझाया

सोलर ग्रिड से दस किलोवाट बिजली और म्यूजियम में 2.32 लाख रुपए की होगी बचत

ALLAHABAD: जब लंका पर आक्रमण करने से पहले प्रभु श्रीराम ने सेतु निर्माण करवाना शुरू किया था। जिसमें सभी के साथ गिलहरी ने योगदान किया था। वह गिलहरी बालू में लोटती थी और अपने छोटे प्रयास से बालू को समुद्र में ले जाती थी। इलाहाबाद म्यूजियम में लगाए गए सोलर ग्रिड का काम उसी गिलहरी जैसा है। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि म्यूजियम समिति के अध्यक्ष व प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने शनिवार को सोलर ग्रिड का लोकार्पण करते हुए कही। उन्होंने कहा कि म्यूजियम का सोलर ग्रिड 100 किलोवाट बिजली का उत्पादन करेगा। यहां की जरुरत 60 से लेकर 90 किलोवाट की होगी। जो दस किलोवाट बिजली बचेगी वह नेशनल ग्रिड को जाएगी। जिससे म्यूजियम का प्रतिवर्ष 2.32 लाख रुपए बचेगा और उस बचत से म्यूजियम का और अधिक विकास होगा।

एक साथ कई सुविधाओं की सौगात

राज्यपाल राम नाईक ने म्यूजियम के स्पेशल सेल्स काउंटर, इंटरैक्टिव वेबसाइट व मेन गेट का लोकार्पण किया। साथ ही म्यूजियम के आडिटोरियम में कारीगर द्वारा बनाई गई शहीद चंद्रशेखर आजाद की प्रतिकृति का भी लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि तीन साल बाद म्यूजियम को नए कलेवर में देखने का सौभाग्य मिला है। इसका फायदा पर्यटकों के साथ ही शहरियों को भी मिलेगा। म्यूजियम के निदेशक राजेश पुरोहित ने 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए म्यूजियम की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता जस्टिस सुधीर नारायण ने की। संचालन डॉ। राजेश मिश्रा ने किया। डॉ। ओंकार वानखेड़े ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर प्रो। एके श्रीवास्तव, प्रो। महेश चंद्र चट्टोपाध्याय, हरि मोहन मालवीय, डॉ। संजू मिश्रा, फूलचंद्र दुबे आदि मौजूद रहे।

अध्यक्ष के सामने दिखी पीड़ा

म्यूजियम का मेन गेट बंद होने की पीड़ा समारोह के दौरान दिखाई दी। इसकी वजह रही कि म्यूजियम समिति के अध्यक्ष राम नाईक, जस्टिस गिरधर मालवीय व जस्टिस सुधीर नारायण खुद मेन गेट से अंदर पैदल चलकर आए। इसकी पीड़ा संचालन कर रहे डॉ। राजेश मिश्रा ने व्यक्त की। कहा कि हम लोगों की सबसे बड़ी समस्या यही है कि मेन गेट बंद होने की वजह से म्यूजियम में आने जाने में दिक्कत होती है। इस पर श्री नाईक ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।

मंदिर के बाहर भी मिलता है न्याय

इसके पहले राज्यपाल राम नाईक हाईकोर्ट स्थित एडवोकेट्स एसोसिएशन के सभागार में पहुंचे। श्री नाईक ने 'मध्यस्थता त्वरित व सस्ते न्याय का माध्यम' विषयक व्याख्यान पर बोलते हुए कहा कि न्याय के मंदिर के बाहर भी बहुत से मामलों में न्याय मिलता है। इसके लिए सबसे जरूरी होता है दोनों पक्षों के बीच आपसी सामजस्य किस तरह का होता है। श्री नाईक और विशिष्ट अतिथि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिलीप बाबा साहेब भोसले ने वरिष्ठ अधिवक्ता निर्मल कुमार चतुर्वेदी की पुस्तक 'अनसुनी कहानियां' और 'विचारों के मोती' का विमोचन किया। एसोसिएशन के महासचिव अरुण कुमार सिंह देशवाल लिखित व निर्देशित नाटक 'मुकदमा होने वाला है' की डीवीडी को लांच किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता भगवती प्रसाद सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।