PATNA: प्याज को टिकाऊ-बिकाऊ बनाकर कीमतों पर नियंत्रण के लिए बिहार सरकार ने इसके सुरक्षित भंडारण की योजना पर काम शुरू कर दिया है। भंडारण इकाइयों की स्थापना के लिए किसानों को 87500 रुपए तक अनुदान का प्रावधान किया गया है। कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने बताया कि भारत में प्याज का उत्पादन बिहार समेत महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों में होता है। बिहार में इसकी खेती हर जिलों में की जाती है, लेकिन उत्पादन की तुलना में भंडारण की व्यवस्था नहीं है। यह काम मुख्यत: किसानों के स्तर पर ही किया जाता है। समुचित भंडारण की व्यवस्था नहीं होने के कारण प्याज को ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रखने की व्यवस्था नहीं है, जिससे सूबे के किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।

भंडारण के लिए नई तकनीक

कृषि मंत्री ने बताया कि बिहार सरकार ने प्याज भंडारण के लिए नई तकनीक को विकसित किया है, जिसे कम लागत में भी स्थापित किया जा सकता है। इसके तहत 20 फीट लंबा, 12 फीट चौड़ा और 15 फीट ऊंचाई बांस की चाली तथा खंभे की भंडारण इकाई बनाने में पौने दो लाख रुपए की लागत आती है। इसमें 50 फीसदी राशि किसानों को बिहार सरकार की ओर से अनुदान के रूप में दी जाती है। चालू विलीय वर्ष में 600 प्याज भंडारण इकाई स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। मंत्री ने बताया कि योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान अधिक जानकारी के लिए बिहार सरकार के बागवानी मिशन या सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं।