RANCHI : रांची में अब गोपनीय दस्तावेज की छपाई संभव हो सकेगी। पूर्वी भारत के 11 राज्यों में एकमात्र सिक्योरिटी प्रेस का सर्टिफिकेट रांची के सुकुरहुट्टू स्थित सेतु प्रिंटर्स को मिला है। केंद्र, राज्य सरकार, प्राइवेट और नेशनलाइज्ड बैंक, यूनिवर्सिटी, पब्लिक सर्विस कमीशन के साथ-साथ कई वैधानिक संस्थानों के सभी गोपनीय मुद्रण अब सिटी में संभव हो सकेगा। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सेतु प्रिंटर्स को अपने सिक्योरिटी एम्पैनल्ड प्रिंटर के रूप में प्रमाणित करते हुए सूचीबद्ध कर दिया है।

बैंक चेक से ओएमआर शीट तक छपेंगे

23 नवंबर को इंडियन बैंक एसोसिएशन द्वारा जारी प्रमाणपत्र के अनुसार सेतु प्रिंटर्स को यह प्रमाणपत्र बैंक एसोसिएशन द्वारा अधिकृत टीम एवं नासिक स्थित सिक्योरिटी प्रेस की टीम के दौरे के दौरान सुरक्षा एवं गोपनीयता मानदंड पर शत प्रतिशत खरा उतरने के बाद प्रमाणपत्र जारी किया गया है। प्रमाणपत्र हासिल करने के बाद पूर्वी भारत के 11 राज्यों (उत्तर-पूर्व के सभी सात राज्य, बिहार, ओडिशा, झारखंड एवं छत्तीसगढ़) के विभिन्न बैंक के एमआईसीआर चेक, चालान एवं अन्य महत्वपूर्ण कागजात, विश्वविद्यालय के प्रश्नपत्र एवं ओएमआर शीट, राज्य एवं केंद्र सरकार के संस्थान एवं अन्य वैधानिक संस्थाओं की विविध सामग्रियों के गोपनीय मुद्रण का काम संभव हो जाएगा।

जर्मनी से मंगाई गई मशीन

यहां एमआईसीआर प्रिंटिंग हेतु वांछित मशीन भी जर्मनी से मंगाई गई एवं गोपनीय मुद्रण की सभी सुरक्षात्मक तकनीक को दुरुस्त किया गया। सिक्योरिटी प्रिंटर के रूप में सूचीबद्ध होने हेतु सभी निर्देशों का पालन किया गया, जिससे इंडियन बैंक एसोसिएशन की टीम अपने दौरे में संतुष्ट हुई।

देश का इकलौता प्रोपराइटरशिप सिक्योरिटी प्रेस

देश के कुल 80 सिक्योरिटी प्रिंटरों में अधिकतर केंद्र-राज्य सरकारों के अधीन या प्राइवेट लिमिटेड प्रिंटर हैं। सेतु प्रिंटर देश का पहला सिक्योरिटी प्रेस है, जिसे प्रोपराइटरशिप में सिक्योरिटी प्रेस का प्रमाणपत्र जारी किया गया है।

16 साल पहले खुला था प्रेस

वर्ष 1998 में सेतु प्रिंटर के मालिक चंद्र भूषण मिश्र ने अत्यंत छोटे तौर पर संस्थान की शुरुआत की थी। धीरे-धीरे झारखंड सरकार एवं केंद्रीय और राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने महत्वपूर्ण एवं गोपनीय सामग्री के मुद्रण की जिम्मेवारी सेतु प्रिंटर्स को दी। सेतु प्रिंटर्स ने सन् 2011 से ही सिक्योरिटी प्रेस के बतौर सूचीबद्ध होने हेतु तैयारियां शुरू कर दी थीं एवं तमाम सुरक्षा मानदंडों का पालन करते हुए कांके के सुकुरहुट्टू में अपनी नयी यूनिट खड़ी की।