हवाई सफर के दौरान को-पैसेंजर्स या क्रू-मेंबर्स के साथ दुव्र्यवहार करना अब भारी पड़ सकता है। सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को शुक्रवार को इस सिलसिले में पहली बार गाइडलाइंस जारी की हैं। हाल ही में शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़़ ने एयर इंडिया के कर्मचारी की चप्पल से पिटाई की थी जिसे लेकर काफी बवाल हुआ था। मामला संसद में भी गूंजा था। अब मंत्रालय ने इस संबंध में गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। इसके तहत कड़े प्रावधान किए गए हैं।

नेशनल लेवल की 'नो फ्लाई’ लिस्ट
मंत्रालय केसचिव आरएन चौबे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नई गाइडलाइंस की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रालय ने यात्रियों के बुरे बर्ताव को तीन कैटिगरीज में बांटा है। उन्होंने बताया कि किसी नागरिक को उसके बुरे व्यवहार के कारण फ्लाइट में सफर से बैन भी किया जा सकता है। एक अन्य न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, इस कदम के पीछे सरकार की मंशा एक नेशनल नो-फ्लाई लिस्ट बनाने की है जिसमें उत्पाती पैसेंजर्स को रखा जाएगा। चौबे ने बताया कि इस लिस्ट को देश का नागरिक उड्डयन नियामक मेंटेन करेगा।

फर्स्ट कैटेगरी - 3 महीने का बैन
सिविल एविएशन सेक्रेटरी आरएन चौबे ने बताया कि पहली कैटेगरी में धमकी भरे इशारे, एक्सप्रेशंस, वर्बल हैरेसमेंट जैसे शांति तोडऩे वाले बर्ताव को रखा गया है।  इसमें दोषी पाए जाने पर पैसेंजर पर 3 महीने तक बैन लगाया जा सकता है।

सेकेंड कैटेगरी - 6 महीने का बैन
इसमें फिजिकल अब्यूज को रखा गया है। इसमें धक्का देना, पैर मानना, जकड़ लेना, सेक्शुअल हैरेसमेंट या गलत तरीके से छूना शामिल है। ऐसा करने पर पैसेंजर पर 6 महीने तक बैन लगाया जा सकता है।

थर्ड कैटेगरी - 2 साल या ज्यादा बैन
इस कैटेगरी में ऐसे बर्ताव को शामिल किया गया है, जिससे केबिन स्टाफ की जान को खतरा पैदा होता हो। इसमें 2 साल या इससे ज्यादा वक्त तक बैन लगाया जा सकता है।

कैसे बैन होंगे पैसेंजर्स?

  • ड्राफ्ट रूल्स के मुताबिक, बुरे बर्ताव का दोषी पाए जाने पर एयरलाइन्स पैसेंजर्स को तुरंत बैन कर सकती हैं, लेकिन ऐसे पैसेंजर्स तुरंत नेशनल नो-फ्लाई लिस्ट में नहीं डाले जाएंगे।
  • बदसलूकी का मामला सामने आने पर एयरलाइन की स्टैंडिंग कमेटी को 10 दिन में फैसला करना होगा।
  • फैसला आने तक संबंधित पैसेंजर को उस एयरलाइन में सफर करने की इजाजत नहीं होगी।

इस तरह कर सकेंगे अपील

  • एयरलाइन की स्टैंडिंग कमेटी की तरफ  से दोषी करार दिया गया पैसेंजर सिविल एविएशन मिनिस्ट्री की ओर से बनाई जाने वाली अपील कमेटी में जा सकेगा।
  • अपील कमेटी की अगुआई हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करेंगे। हालांकि, जिस पैसेंजर को एयरलाइन की स्टैंडिंग कमेटी सुरक्षा खतरे के चलते ब्लैकलिस्ट कर देगी। उसके पास अपील कमेटी के पास जाने का मौका नहीं रहेगा।

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