RANCHI : बुधवार को मेडिकल में एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स की होनेवाली री-काउंसलिंग पर रोक लगा दी गई है। उधर, मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई करने व काउंसलिंग के बाद एडमिशन से वंचित स्टूडेंट्स का धरना और आमरण अनशन जारी है। स्टूडेंट्स ने बताया कि हेल्थ मिनिस्टर राजेंद्र प्रसाद सिंह ने मिठाई खिलाई थी और कहा था कि आप बिना किसी टेंशन के पढ़ाई कीजिए.आपकी मांगों पर पहल की जाएगी, पर हमारे मामले की अनदेखी हो रही है। ऐसे में आखिर कहां जाएं, समझ में नहीं आता है।

आईसीयू में दो स्टूडेंट्स

गवर्नर हाउस के पास ख्0 अगस्त से इन स्टूडेंट्स का धरना और अनशन जारी है। अनशन पर बैठे आकाश और अनुप्रिया की तबीयत ज्यादा बिगड़ने की वजह से उन्हें रिम्स के आईसीयू में एडमिट करना पड़ गया। बुधवार को अनुप्रिया को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। गौरतलब है कि इससे पहले भी अनशन की वजह से अनुप्रिया की तबीयत बिगड़ गई थी और उसे दो बार रिम्स में एडमिट किया था, पर हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद फिर से वह अनशन पर बैठ गई थीं।

आम जनता से स्टूडेंट्स ने की अपील

हम झारखंड के फ्भ्0 मेधावी, अभागे और बेकसूर स्टूडेंट्स हैं। मेधावी इसलिए कि हम सभी ने मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट क्वालिफाई किया और अभागे इसलिए कि हमारे बीच के क्म्0 स्टूडेंट्स की जिंदगी को बर्बाद किया जा रहा है। इसके अलावा बेकसूर इसलिए हैं कि इसमें हमारी कोई गलती नहीं है। सारा कुछ राज्य और केंद्र सरकार का खेल है। अगर झारखंड के मेडिकल कॉलेजेज की सीट्स पहले ही कम कर दी जाती तो हमें किसी दूसरे राज्य के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल जाता। काउंसलिंग और कॉलेज अलॉट होने के बाद हमें एडमिशन से वंचित किया गया है। हम एमसीआई से अपील करते हैं कि झारखंड के मेडिकल कॉलेजेज की सीट्स कम करने के फैसले को वापस ले और राज्य सरकार से आग्रह है कि वह ख्7 को मेडिकल के लिए आयोजित री-काउंसलिंग पर रोक लगाए। इसके अलावा झारखंड के प्रबुद्ध जनों से भी अपील है कि वे ख्7 अगस्त की सुबह नामकुम के सिरखाटोली स्थित झारखंड संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद के ऑफिस के पास पहुंचकर हमारी आंखों के आंसू पोछें।

एमजीएम नहीं दे रहा है सर्टिफिकेट की फाेटोकॉपी

झारखंड संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद ने री-काउंसलिंग को लेकर कई निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कहा गया है कि जिन स्टूडेंट्स को सीट अलॉट हो चुका है, वे कॉलेज से बोनाफाइड सर्टिफिकेट ऑरिजिनल सर्टिफिकेट की फोटोकॉपी को अटेस्टेड कराकर लाएं। लेकिन एमजीएम कॉलेज हॉस्पिटल की ओर से स्टूडेंट्स को ऑरिजिनल सर्टिफिकेट नहीं दिए जा रहे हैं। इसके अलावा स्टूडेंट्स से यह भी लिखित रूप में लिया जा रहा है कि वे सीट्स को लेकर कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएंगे।