-सिर्फ कागजों में व्यापार करने वाले शातिरों पर कसा जाएगा शिकंजा

-दुकान की फोटो और उसका लांगिट्यूड और लैटीट्यूड एक्सिस की डीटेल की जाएगी अपलोड

-एक क्लिक पर ठिकाने का पता लगा सकेंगे अफसर, कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने शुरू की कार्रवाई

GORAKHPUR: गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में रजिस्टर्ड व्यापारियों की निगरानी और तेज हो गई है। सरकार शातिर व्यापारियों पर लगाम कसने के हर मुनासिब हथकंडे अपनाने में लगी है। मॉनीटरिंग, इंस्पेक्शन और ऑनलाइन व्यवस्था के बाद अब कॉमर्शियल डिपार्टमेंट ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों की एक्चुअल पोजीशन जानने के लिए जीपीएस मैपिंग भी शुरू कर दी है। इसके जरिए वह दुकान के एग्जिस्टेंस को जस्टिफाई करेंगे। इसमें सबसे खास नजर उन व्यापारियों पर है, जो किसी फर्म का रजिस्ट्रेशन तो करा चुके हैं, लेकिन वह व्यापार नहीं कर रहे हैं। साथ ही नए रजिस्ट्रेशन कराने वाले सभी व्यापारियों पर भी जिम्मेदारों की खास नजर है।

हैंडहेल्ड से करेंगे अपडेट

व्यापारियों के ठिकानों को पता करने के लिए सभी कॉमर्शियल डिपार्टमेंट में हैंड हेल्ड मशीन भेजी गई है। इसके जरिए सभी जिम्मेदारों को फोटो खींचनी है, इस दौरान उस मशीन में उसका लैटिट्यूड और लांगिट्यूड एक्सिस शो करने लगेगा। जीपीएस से डायरेक्ट अटैच होने की वजह से फोटो के साथ दुकान का एक्सिस भी रिकॉर्ड होगा, जिससे जिम्मेदारों को दुकान ट्रेस करने में आसानी होगी। इसमें सबसे ज्यादा फायदा उन इलाकों में होगा, जहां या तो घनी आबादी है या बिल्कुल आबादी नहीं है और बाद में जगह डेवलप होने के चांस हैं।

30 हजार व्यापारी हुए हैं रजिस्टर्ड

गुड्स एंड सर्विस टैक्स के लिए हाल में ही गोरखपुर से करीब 30 हजार व्यापारियों ने नया रजिस्ट्रेशन कराया है। वहीं बड़ी तादाद में ऐसे व्यापारी हैं, जिनका अकाउंट वैट से माइग्रेट होकर जीएसटी में शामिल हुआ है। मगर इसमें खास निगरानी उन 30 हजार व्यापारियों की हो रही है, जिन्होंने हाल में ही अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। पहले इन व्यापारियों के शॉप्स की फोटोग्राफ्स ली जाएगी।

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हैंडहेल्ड मिली, लेकिन व्यवस्था नहीं

गोरखपुर कॉमर्शियल डिपार्टमेंट को हैंडहेल्ड मशीन मिल चुकी है। हर जोन के लिए एक मशीन भेजी गई है। लेकिन इसमें प्रॉब्लम यह आ रही है कि मशीन को लॉगिन के जरिए ही स्टार्ट किया जा सकता है, लेकिन अभी तक सिर्फ अधिकारियों की लॉगिन ही बनाई गई है, जिससे जांच शुरू होने और फोटो अपलोड होने में दिक्कत हो रही है। वहीं इसमें नेट चलाने के बाद ही एक्सिस की जानकारी हो सकेगी, जिसके लिए सिम की डिमांड भी की गई है।

वर्जन

दुकानों की लांगिट्यूड और लैटिट्यूड एक्सिस की डीटेल कलेक्ट की जा रही है। इसके लिए हैंडहेल्ड मशीन दी गई है, जिससे फोटो क्लिक करने पर ऑटोमेटिक यह डिटेक्ट कर लेगा। इसमें सबसे पहले नए रजिस्टर्ड कस्टमर्स की शॉप को फोटो अपडेट करने के निर्देश मिले हैं। कुछ समस्या आ रही है, इसके बारे में जिम्मेदारों को अवगत करा दिया गया है।

- विजय कुमार, एडिशनल कमिश्नर, कॉमर्शियल टैक्स