- 150 जीपीएस पहुंच गए हैं नगर निगम, जल्द इंस्टॉल करने के बाद शुरू होगा ट्रायल
- नगर निगम के वाहनों में प्रतिमाह लाखों रुपए का ईधन चोरी की जताई जा रही संभावना
BAREILLY:
नगर निगम में सफाई के लिए लगे वाहनों के डीजल चोरी का खेल कोई नया नहीं है, जिस पर रोक लगाने के लिए वाहनों में जीपीएस लगाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। नगर निगम के सभी 70 से अधिक कूड़ा उठाने वाले वाहनों समेत निर्माण कार्यो में प्रयुक्त वाहन भी जीपीएस से लैस होंगे। जीपीएस नगर निगम के स्टोर में पहुंच चुके हैं, जिन्हें जल्द इंस्टॉल कर ट्रायल शुरू होगा। सक्सेजफुल होने पर फरवरी से जीपीएस तकनीकी से रिकॉर्ड मेंटेन होने समेत शहर में स्वच्छता और कार्यो के तेजी से संपन्न होने की संभावना है।
करीब 4 करोड़ रुपए की खपत
नगर निगम के वाहनों में पर मंथ करीब 30 लाख रुपए से अधिक का डीजल खर्च होता है। नगर निगम में खर्च हो रहे डीजल का कोई हिसाब नहीं है। डीजल का खेल इतना बड़ा है कि अधिकारी इसे जानते हैं, लेकिन ठोस सुबूत न होने की वजह से सख्त कदम नहीं उठा सके हैं। पिछली बोर्ड की बैठक में इस व्यवस्था को बंद कर सीएनजी वाहन चलाने की मांग हुई थी। यही नहीं, सुधार के लिए तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट भी लागू नहीं हुई है। अब प्रत्येक डलावघरों समेत बाकरगंज में सीसीटीवी लगाने का टेंडर हो रहा है साथ ही, जीपीएस से कनेक्ट वाहनों की लोकेशन ट्रेस की जाएगी।
खर्च का कोई रिकॉर्ड नहीं
गाडि़यों में डीजल कब डाला गया और गाड़ी कहां-कहां गई इसका कोई रिकॉर्ड मुख्य सफाई निरीक्षक और लिपिक के पास नहीं है। निगम की गाडि़यों को कौन चला रहा है, इसका भी रिकॉर्ड नहीं। लास्ट ईयर 4 नवंबर को नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव ने सभी सफाई निरीक्षक को आदेश जारी किया कि डोर टू डोर एजेंसियों द्वारा नियमित कूड़े का उठान डलावघर से नहीं होने की संभावना जताई थी। उन्होंने वाहन चालक को लॉग बुक में पार्षद, सफाई नायक और निरीक्षक से एंट्री करवाने समेत बिना सत्यापन लॉग बुक वाले वाहनों को डीजल न देने के सख्त निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक यह आदेश लागू नहीं हुआ।
प्रति दिन मिलता है ईधन
- 5 लीटर तीन पहिया
- 35 लीटर जेसीबी
- 15 से 20 लीटर अन्य वाहन
- 30 लाख रुपए पर पर मंथ खपत
- 4 करोड़ रुपए सालाना खपत
एक नजर में
- 150 जीपीएस मंगाए गए
- 150 वाहन में लगाए जाएंगे
- 2016 में बनाया था प्रपोजल
- 2017 जून में मंगाए जीपीएस
- 2018 फरवरी में ट्रेसिंग शुरू
नगर निगम में।
- 1 ट्रेंचिंग ग्राउंड बाकरगंज में
- 46 डलावघर हैं शहर भर में
- 70 कूड़ा वाहन का संचालन
- 80 ट्रैक्टर, टेंपो, टिपर, हापर, स्वीपिंग व अन्य मशीन
जीपीएस से वाहन जल्द लैस हो जाएंगे। कम्प्यूटर सेंटर में कंट्रोल रूम बनेगा। जिसकी निगरानी आईटी सेल करेगा। सॉफ्टवेयर अपलोड होने के बाद सर्वर से कनेक्ट कर ट्रायल होगा। डीजल चोरी की शिकायत मिलने पर यह निर्णय लिया गया है।
राजेश कुमार श्रीवास्तव, नगर आयुक्त