-सीएसजेएमयू की परीक्षा समिति की बैठक में बीएससी में ग्रेडिंग सिस्टम खत्म करने का फैसला

KANPUR: सीएसजेएमयू में बुधवार को हुई परीक्षा समिति की अहम मीटिंग में बीएससी में ग्रेडिंग सिस्टम खत्म करने का प्रस्ताव पास हो गया। इयर 2018-19 के बीएससी के छात्रों को प्रैक्टिकल एग्जाम में नंबर मिलेंगे। यूपी के डिप्टी सीएम व हायर एजूकेशन मिनिस्टर डॉ दिनेश शर्मा ने यूपी सेल्फ फाइनेंस कॉलेज एसोसिएशन के जनरल सेकेट्री विनय त्रिवेदी की पहल पर बीएससी से ग्रेडिंग सिस्टम खत्म करने के लिए कुलपति को आदेशित किया था। परीक्षा समिति के इस फैसले पर अब एकेडमिक काउंसिल मुहर लगाएगी इसके बाद इसे कार्य परिषद में पास कराया जाएगा। प्रैक्टिकल में नंबर मिलने से बीएससी के लाखों छात्रों को फायदा मिलेगा।

परीक्षक को धमकाने पर कॉलेज डिबार

सीएसजेएमयू की परीक्षा समिति की मीटिंग में यूएफएम कमेटी ने नकल से रिलेटेड सभी मैटर पर जांच पड़ताल कर अपना फैसला दे दिया। श्री विशंभर दयाल महाविद्यालय डबरापुर कानपुर देहात में बीएससी बाटनी के प्रैक्टिकल में परीक्षकों को कॉलेज मैनेजर ने धमकाया था। इस मैटर की शिकायत पर कमेटी ने जांच की जिसमें कॉलेज की लैब में इक्विपमेंट न मिलने की जानकारी दी। कॉलेज मैनेजर ने परीक्षकों को धमकाने की बात स्वीकार कर ली है। यहां के छात्रों की प्रैक्टिकल एग्जाम दूसरे कॉलेज में कराए जाएंगे। अब इस कॉलेज को परीक्षा से डिबार कर दिया गया। नकल के आरोप में फंसे कई कॉलेजों पर भी गाज गिरी है।

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केमिस्ट्री के मूल्याकंन में गड़बड़ी नहीं

मूल्याकंन में गड़बड़ी का आरोप लगाकर हंगामा करने वाले हजारों कीं संख्या में फेल स्टूडेंट्स की मांग पर यूनिवर्सिटी ने बीएससी केमेस्ट्री की कॉपियों का दोबारा मूल्यांकन कराया। जिसमें आरोप पूरी तरह बेबुनियाद निकले, मूल्याकंन पूरी तरह सही पाया गया। अब मूल्यांकन में एक बार गलती होने पर परीक्षक को एक साल के लिए दो बार गलती होने पर परीक्षक को तीन साल के लिए मूल्यांकन से डिबार कर दिया जाएगा। अगर तीन बार गलती हुई तो हमेशा के लिए परीक्षक को मूल्यांकन से डिबार कर दिया जाएगा। यह गलती 15 परसेंट से ज्यादा मा‌र्क्स के अंतर आने पर मानी जाएगी।