अल्पसंख्यक व मलिन बस्तियों में कराए गए विकास कार्यो में मिली खामियां

2012 से 2014 तक तीन साल चली आधा दर्जन योजनाओं की रिपोर्ट डीएम को

BAREILLY:

शासन की विकासपरक योजनाएं करप्शन की कालिख से बच नहीं पा रही। बरेली की अल्पसंख्यक व मलिन बस्तियों के विकास के लिए शासन ने जनता के टैक्स से जो बजट भेजा था, उसे करप्शन की घुन चट कर गई। सरकारी पैसे को विकास के बजाए अपनी जेबों में ठूसने वाले घूसखोरों के खिलाफ शिकायत मिलने पर शासन ने डूडा को घेरे में ले लिया है। योजनाओं को पूरा कराने में डिस्ट्रिक्ट अर्बन डेवलेपमेंट अथॉरिटी, डूडा की वर्किंग में मिली गड़बडि़यों पर शासन की ओर से नगर निगम को जांच का जिम्मा सौंपा है। वेडनसडे को निगम में गड़बडि़यों की जांच कर रिपोर्ट को जिला प्रशासन को सौंप दिया गया।

क्ख्.म्फ् करोड़ के विकास में घपला

शासन की ओर से बरेली के अल्पसंख्यक व मलिन बस्तियों में स्वर्ण जयंति शहरी रोजगार योजना, आसरा विकास योजना, एससीएसपी और आईएचएसडीपी सहित इंटरलॉकिंग सड़क व नाली निर्माण का काम होना था। सरकार की ओर से इन विकास कार्यो के लिए क्ख्.म्फ् करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया था। जिसके लिए डूडा को जिम्मेदारी दी गई। जबकि विकास कार्यो के लिए सीएंडडीएस को प्रोजेक्ट मैनेजर की कमान सौंपी गई। लेकिन निर्माण कार्यो के होते ही इनमें गड़बडि़यों व घपलों की शिकायतें उठने लगी।

डीएम को सौंपी गई रिपोर्ट

विकास कार्यो में धांधली और सरकारी पैसे के दुरपयोग की शिकायतें मिलने पर शासन की ओर से डूडा के अध्यक्ष होने के नाते नगर आयुक्त, डीएम और सीएंडडीएस को लेटर भेजा गया। जिसमें निगम को साल ख्0क्ख्-क्फ्, ख्0क्फ्-क्ब् और ख्0क्ब्-क्भ् के दौरान विकास कार्यो की जांच करने और रिपोर्ट जिला प्रशासन के जरिए शासन को भेजे जाने के निर्देश दिए गए। वेडनसडे को सहायक नगर आयुक्त निशा मिश्रा की अगुवाई में निगम में डूडा की इन योजनाओं से संबंधित फाइलों की जांच की गई और रिपोर्ट तैयार कर डीएम को भेजी गई।